नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को 30 सितंबर 2025 तक एटीएम से ₹500 के नोट निकालना बंद करने का आदेश दिया है। इस पोस्ट में यह भी कहा गया कि आगे से एटीएम से केवल ₹100 और ₹200 के नोट ही निकलेंगे। इसके पीछे की वजह सरकार द्वारा महंगाई पर नियंत्रण, कालेधन और हवाला पर लगाम और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना बताया गया है।
लेकिन सच्चाई इससे कुछ अलग है।
क्या है हकीकत?
RBI ने ₹500 के नोट बंद करने का कोई निर्देश नहीं दिया है। वायरल हो रहा यह दावा भ्रामक है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने 28 अप्रैल 2025 के सर्कुलर में यह निर्देश जरूर दिया है कि बैंकों और एटीएम ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि:
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30 सितंबर 2025 तक कम से कम 75% एटीएम से ₹100 या ₹200 के नोट जारी किए जाएं
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और 31 मार्च 2026 तक यह अनुपात 90% तक बढ़ाया जाए
इसका मतलब यह नहीं है कि ₹500 के नोट बंद किए जा रहे हैं या उनका चलन खत्म होगा। बल्कि इसका मकसद यह है कि आम लोगों को छोटे मूल्यवर्ग (₹100 और ₹200) के नोट आसानी से उपलब्ध हों, जो रोजमर्रा के लेन-देन में ज्यादा काम आते हैं।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का उद्देश्य
RBI का यह कदम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और लोगों को छोटे नोटों की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे छोटे दुकानदारों, ग्राहकों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को नकदी की सुविधा में आसानी होगी।
निष्कर्ष: भ्रम में न आएं
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह जानकारी आधिकारिक रूप से गलत है। ₹500 के नोट बंद नहीं हो रहे हैं। RBI ने सिर्फ छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए चरणबद्ध योजना जारी की है। इसलिए किसी अफवाह या भ्रम में न आएं और किसी भी सूचना को आरबीआई या सरकारी वेबसाइट पर पुष्टि किए बिना आगे न बढ़ाएं।
