मुंगेली। छत्तीसगढ़ की मुंगेली पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) में भर्ती के लिए फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह उत्तर प्रदेश के युवाओं को छत्तीसगढ़ के SRE (सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर) जिलों का नकली मूल निवासी बनाकर अतिरिक्त अंक दिलाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करता था।
कैसे हुआ खुलासा?
6 जून को दो युवक—योगेंद्र कुमार (निवासी: अलीगढ़, उत्तर प्रदेश) और प्रशांत राजपूत (निवासी: आगरा, उत्तर प्रदेश)—चरित्र सत्यापन के लिए मुंगेली पुलिस कार्यालय पहुंचे थे। इनकी गतिविधियाँ संदिग्ध लगने पर गहराई से जांच की गई। पता चला कि जिस “विशाल” नामक युवक के लिए चरित्र सत्यापन करवाया जा रहा था, वह कंतेली गांव का निवासी ही नहीं था।
होटल से दबोचा गया गिरोह
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने विशेष टीम गठित की। जांच में मिले सुरागों के आधार पर दोनों युवकों को बिलासपुर के होटल अंबे पैलेस से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने कुबूल किया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के विशाल नामक युवक से पैसे लेकर BSF में नौकरी दिलाने के लिए जाली दस्तावेज़ तैयार किए थे।
क्या-क्या मिला आरोपियों से?
गिरफ्तारी के समय पुलिस ने आरोपियों के पास से:
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फर्जी निवास प्रमाण पत्र
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कोरे नोटरी दस्तावेज
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मुहर (सील)
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तीन मोबाइल फोन
बरामद किए हैं।
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
मुंगेली पुलिस ने थाना लालपुर में अपराध क्रमांक 103/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) बीएनएस में प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह विशेषकर उत्तर प्रदेश के युवाओं को निशाना बनाता था और छत्तीसगढ़ के सुरक्षित जिलों (SRE) से फर्जी निवासी बनाकर उन्हें सुरक्षा बलों में अवैध तरीके से भर्ती कराने की साजिश रच रहा था। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
