जशपुरनगर: रोटी कपड़ा और मकान के साथ अब बिजली भी मानव जीवन की मुख्य आवश्यकता बन चुका है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में आम लोगों की जीवन से जुड़ी जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए इसे अमल में लाने राज्य शासन द्वारा प्रमुखता के आधार पर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में जशपुर के कांसाबेल तहसील के ग्राम पंचायत तिलंगा अंतर्गत आने वाले ग्राम कोहपानी में लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की पहल पर यहां थ्री फेस कनेक्शन हेतु 2.11 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है।
ग्राम कोहपानी की सरपंच सुशीला ने बताया कि गांव में विद्युत हेतु एक फेज लाइन होने की वजह से लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। इससे बल्ब की रौशनी कभी भी कम ज्यादा होती रहती थी, किसानों को खेतों में पानी देने के लिए विद्युत पंप नहीं चल पाते। कोई भी विद्युत उपकरण ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल पाता। ऐसे में सारे ग्रामीण इस समस्या से परेशान रहते हैं। इस संबंध में सभी ग्रामीणों ने मिलकर मुख्यमंत्री मंत्री कैम्प कार्यालय पहुंच अपनी समस्या बताई।
समस्या की गंभीरता को देखते हुए कैम्प कार्यालय द्वारा तुरंत पहल करते हुए विद्युत विभाग से संपर्क कर ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने पर चर्चा की गई। जिस पर विद्युत विभाग के अधिकारियों ने गांव का सर्वे कर समस्या का अवलोकन कर त्वरित प्रयास प्रारम्भ किये गए। जिसके फलस्वरूप ग्राम में विद्युत लाईनों के विस्तार एवं उन्नयन हेतु 2.11 लाख रुपयों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। जिसके संबंध में ग्रामीणों को जब जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। अब किसान भी अपने खेतों में सिंचाई में कोई दिक्कत नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री के पहल पर आदिवासी अंचलों में बिजली से वंचित रह गए घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 3 अतिविशिष्ट योजनाओं के माध्यम से 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने की कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल प्रारंभ कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा इस महती कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है जिसमें से 2 योजनाएं केंद्र सरकार की है तथा 1 योजना छत्तीसगढ़ शासन की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की इन योजनाओं का क्रियान्वयन शीघ्रता से करने के निर्देश भी दिए है।विश्व डायबिटीज दिवस पर आयोजित एनसीडी कैंप में 37,783 लोगों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण