जे के मिश्र,
जिला ब्यूरो चीफ
, नवभारत टाइम्स, 24*7in बिलासपुर
बिलासपुर। रेलवे बोर्ड ने देशभर के सभी डिवीजनों में ग्रुप C तक की विभागीय चयन प्रक्रिया को रद्द करने का निर्णय लिया है। यह फैसला सीबीआई द्वारा मुगलसराय में 26 अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद लिया गया। इन अधिकारियों पर विभागीय परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करने का आरोप था। जांच एजेंसी ने 1.17 करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे। इस निर्णय से करीब 6 लाख रेलवे कर्मचारियों पर असर पड़ेगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक (स्थापना) राजीव रंजन ने सभी जोनों के महाप्रबंधकों को पत्र भेजकर सूचित किया कि विभागीय चयन प्रक्रियाओं में अनियमितताएं पाई गई हैं। इसी कारण सभी चयन प्रक्रियाओं को रद्द करने का निर्देश जारी किया गया। इसके बाद साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (एसईसीआर) ने तुरंत सभी चयन प्रक्रियाओं को निरस्त कर दिया।
सीबीआई जांच के बाद खुला घोटाला
सीबीआई ने 3-4 मार्च 2025 को मुगलसराय में पूर्व मध्य रेलवे की विभागीय परीक्षा के पेपर लीक मामले का खुलासा किया। जांच एजेंसी ने सीनियर डीईई (ऑप्स) और 8 अन्य रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। आरोप है कि ये लोग परीक्षा प्रश्नपत्र लीक करने और आर्थिक लेनदेन में शामिल थे। सीबीआई ने वेस्टर्न रेलवे और वेस्ट सेंट्रल रेलवे में भी इसी तरह की गड़बड़ियों की जांच की और कई और गिरफ्तारियां हुईं।
नया बदलाव: अब रेलवे भर्ती बोर्ड कराएगा प्रमोशन परीक्षाएं
रेलवे मंत्रालय ने इस मामले के बाद विभागीय प्रमोशन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ही सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं आयोजित करेगा। ये परीक्षाएं कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) प्रणाली से ली जाएंगी, जिससे नकल, प्रश्नपत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों को रोका जा सके।
रेलवे प्रशासन का यह फैसला भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा और कर्मचारियों में विश्वास बहाल करेगा।
