अवैध सट्टा बना शहर की बर्बादी की जड़, पुलिस की चुप्पी से खाईवालों के हौसले बुलंद
दीपक मितल, प्रधान संपादक, छत्तीसगढ़
दल्लीराजहरा। एक तरफ सरकारें युवाओं को खेल, शिक्षा और रोजगार से जोड़ने के दावे कर रही हैं, तो दूसरी तरफ दल्लीराजहरा जैसे कस्बों में “एक का 80” जैसे अवैध सट्टे ने पूरा सामाजिक ढांचा खोखला कर दिया है। छोटे बच्चों से लेकर अधेड़ उम्र तक के लोग इस दलदल में फंस चुके हैं – और सबसे चिंता की बात यह है कि सबकुछ पुलिस और जनप्रतिनिधियों की जानकारी में होते हुए भी कुछ नहीं किया जा रहा।
हर वार्ड में खुलेआम सट्टा, एजेंट्स की फौज
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो शहर के लगभग हर वार्ड में सट्टा खाईवालों ने अपने एजेंट तैनात कर रखे हैं। इन एजेंटों के माध्यम से रोज लाखों रुपये का काला कारोबार हो रहा है। स्थिति यह है कि कई पार्षदों को सबकुछ मालूम है, लेकिन सत्ता और विपक्ष दोनों खेमों ने मौन धारण कर लिया है।
“12 साल के बच्चे से लेकर 55 साल के बुजुर्ग तक इस गंदे धंधे में फंसे हैं।”
परिवार हो रहे तबाह, खाईवाल बना रहे महल
इस सट्टा कारोबार ने न सिर्फ आर्थिक, बल्कि सामाजिक ताना-बाना भी तोड़ दिया है। कई परिवार कर्ज में डूब चुके हैं। महिलाएं मानसिक तनाव से जूझ रही हैं। बच्चों की पढ़ाई छूट रही है। घरों में रोज कलह, बेरोजगारी और आत्महत्या जैसे हालात बनते जा रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ सट्टा माफिया लग्जरी गाड़ियों में घूम रहे हैं, शहर में रुतबा जमा चुके हैं, और गरीबों की बर्बादी पर अपनी समृद्धि की नींव रख रहे हैं।
पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में
स्थानीय जनता का आरोप है कि दल्लीराजहरा पुलिस सिर्फ खानापूर्ति में लगी है। समय-समय पर केवल निचले स्तर के एजेंटों को पकड़कर दिखावटी कार्रवाई की जाती है, जबकि असली ‘सट्टा किंग’ बेखौफ हैं।
“सबकुछ पुलिस की जानकारी में है, लेकिन या तो ‘ऊपर से दबाव’ है या साठगांठ।”
— स्थानीय निवासी
जनता में गुस्सा, पुलिस अधीक्षक से न्याय की मांग
शहर के जागरूक नागरिकों ने जिला पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल से गुहार लगाई है कि वे खुद इस मामले की निगरानी करें, निष्पक्ष जांच कराएं और पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंकें।
“यह अब सिर्फ सट्टा नहीं, सामाजिक बीमारी है — इसका इलाज सख्ती से ही होगा।”
पुलिस का जवाब
जिला पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने कहा:
“अवैध गतिविधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। यदि ठोस प्रमाण मिले तो विशेष टीम भेजकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
थाना प्रभारी, दल्लीराजहरा ने भी दावा किया:
“पूर्व में कई कार्रवाइयां की गई हैं, और आगे भी सट्टा पर कार्रवाई जारी रहेगी।”
प्रशासन को चेतावनी — अब चुप्पी नहीं चलेगी
दल्लीराजहरा की जनता ने स्पष्ट कर दिया है —
“अगर प्रशासन ने अब भी आंखें मूंदे रखीं, तो हम आंदोलन करेंगे।”
यह कोई साधारण अपराध नहीं, बल्कि पूरे समाज को बर्बाद कर देने वाला काला कारोबार है।
अब वक्त है — या तो पुलिस कार्रवाई करे, या फिर जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी।
