मुंगेली। प्रसिद्ध संत पंडित गिरिबापू द्वारा संचालित शिवकथा-811 के चौथे दिन शुक्रवार को मुंगेली की धरती भक्ति, श्रद्धा और अध्यात्म की भावनाओं से सराबोर हो गई। सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला कथा स्थल की ओर उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव की कथा सुनने पहुंचे और ‘ॐ नमः शिवाय’ के मंत्रों से पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
शिव भक्ति से आलोकित हुआ कथा स्थल
कथा वाचक पं. गिरिबापू ने भगवान शिव की करुणा, त्याग और न्यायप्रियता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा:
“जहां सच्ची भक्ति है, वहां भय का कोई स्थान नहीं होता। शिव केवल एक देवता नहीं, बल्कि चेतना हैं, जो हमारे भीतर जागृत होती है।”
उनकी वाणी से निकली हर बात ने श्रद्धालुओं के हृदय को गहराई से छुआ। गिरिबापू के सादगीपूर्ण और सारगर्भित प्रवचनों के साथ भजन-कीर्तन ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
हर आयु वर्ग ने लिया भक्ति रस का आनंद
इस शिवकथा में बुजुर्गों से लेकर युवाओं और बच्चों तक की भागीदारी देखने लायक थी। श्रद्धालु न केवल कथा सुनने पहुंचे, बल्कि भारतीय संस्कृति से जुड़ने और अपने बच्चों को इससे परिचित कराने का भी अवसर बना।
गिरिबापू जी के प्रवचनों में आए संदेश –
“सत्य बोलो, संयम रखो और सेवा करो” –
ने खास तौर पर युवाओं को प्रभावित किया।
धार्मिक आयोजन बना सामाजिक एकता का प्रतीक
यह आयोजन न केवल धार्मिक भक्ति, बल्कि सामाजिक समरसता का भी मंच बन गया। कई परिवार मिलकर पहुंचे और कथा के माध्यम से सांस्कृतिक मूल्यों का नवसंस्कार अनुभव किया।
कई श्रद्धालु तो कथा समाप्त होने के बाद भी वहीं रुके रहे और एक-दूसरे के साथ कथा से मिले संदेशों पर संवाद करते नजर आए।
11 जून तक चलेगा शिवकथा का आयोजन
आयोजकों ने बताया कि शिवकथा का यह दिव्य प्रवाह 11 जून तक लगातार चलेगा, जिसमें प्रत्येक दिन भगवान शिव के विभिन्न रूपों और लीलाओं को पं. गिरिबापू जी के श्रीमुख से सुनने का सौभाग्य मिलेगा।
श्रद्धालुओं से समय पर पहुंचने और शांति बनाए रखने की अपील की गई है, ताकि हर कोई इस दिव्य अवसर का पूर्ण लाभ उठा सके।
रिपोर्ट: निर्मल अग्रवाल, ब्यूरो प्रमुख, मुंगेली
मोबाइल: 8959931111
