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कोरबा डीएमएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई: डिप्टी कलेक्टर समेत दो जनपद सीईओ गिरफ्तार

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Deepak Mittal

 

जे के मिश्र
ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7 in बिलासपुर

कोरबा। जिले में जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) फंड के दुरुपयोग को लेकर एक और अहम कार्रवाई सामने आई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने शुक्रवार को डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर समेत दो जनपद पंचायत सीईओ को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अधिकारियों में पत्थलगांव जनपद के सीईओ वीरेंद्र कुमार राठौर, बीएस राज, और राधेश्याम मिर्धा भी शामिल हैं।

आम जनता की योजनाओं में सेंध, अफसरों ने भरे अपने खजाने
जांच में सामने आया है कि डीएमएफ की राशि से जनता के हितों के लिए योजनाएं बनाने के बजाय अधिकारियों ने अपने स्वार्थ के लिए फर्जी बिल, मनगढ़ंत निविदाएं और ठेकेदारी में मिलावट करते हुए करोड़ों की हेराफेरी की। सामग्री की खरीदी से लेकर कार्य स्वीकृति तक हर जगह कमीशनखोरी और रिश्वतखोरी की परतें खुली हैं।

बिना अनुमोदन के खर्च, शासकीय धन की लूट
डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर कोरबा में डीएमएफ शाखा के प्रभारी के रूप में कार्यरत रहे। उनके कार्यकाल के दौरान ही बिना शासी परिषद की स्वीकृति के भारी राशि को मंजूरी दी गई और करीब 90.35 करोड़ रुपए की अनियमितता पाई गई। ईडी ने इस मामले में 21.47 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है।

रायगढ़ से जशपुर तक रिश्वत का नेटवर्क
जांच एजेंसियों के मुताबिक रायगढ़ से जशपुर भेजी गई धनराशि में भी घोटाले की पुष्टि हुई है। नकद रिश्वत, संपत्तियों का अवैध लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए राशि को छिपाया गया। पहले की गई छापेमारी में बेहिसाब नकदी, आभूषण और संदिग्ध बैंक लेनदेन का पता चला था।

ईडी ने दर्ज की चार्जशीट, मनी लॉन्ड्रिंग की भी जांच
ईओडब्ल्यू और ईडी की संयुक्त जांच में पाया गया कि वीरेंद्र कुमार राठौर ने फर्जी निविदाओं को मंजूरी देकर अनुचित लाभ कमाया। भरोसा राम ठाकुर ने कार्य सत्यापन में लापरवाही बरतते हुए फर्जी दस्तावेजों को मान्यता दी। दिसंबर 2024 में ईडी द्वारा पीएमएलए के तहत 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है।

प्रशासन का कहना है कि डीएमएफ फंड में पारदर्शिता लाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए जांच आगे भी जारी रहेगी।

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