जे के मिश्र, जिला ब्यूरो चीफ, नवभारत टाइम्स, बिलासपुर
बिलासपुर – छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने शहर के चर्चित जमीन विवाद में आरोपी नरेंद्र मोटवानी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश की एकलपीठ ने यह आदेश उस मामले में सुनाया, जिसमें आरोपी पर एक विधवा महिला की संपत्ति हड़पने की साजिश रचने का आरोप है।
बताया गया है कि बिलासपुर में जमीन दलालों की सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है और कमजोर तबके की जमीनों को कब्जाने के मामले भी बढ़ रहे हैं। इन्हीं मामलों में नरेंद्र मोटवानी का नाम सामने आया, जो तोरवा थाना क्षेत्र में साथियों के साथ मिलकर महिला के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन हड़पने का प्रयास कर रहा था।
महिला की शिकायत के अनुसार नरेंद्र मोटवानी ने न केवल फर्जी दस्तावेज तैयार किए, बल्कि सीमांकन के लिए भी तहसील कार्यालय में आवेदन जमा कर दिया था। पुलिस ने जांच के बाद मोटवानी के खिलाफ कार्रवाई की और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
हालांकि, आरोपी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी जिसे अब खारिज कर दिया गया है। इससे पहले जिला न्यायालय ने भी आरोपी की जमानत याचिका को पुराने मामलों और रिकॉर्ड को देखते हुए अस्वीकार कर दिया था। बताया जा रहा है कि जमानत न मिलने के बाद से आरोपी फरार हो गया है।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि कानून का शिकंजा अब जमीन हड़पने जैसे अपराधों पर कसता जा रहा है, और अदालतें इस तरह के मामलों में सख्ती से पेश आ रही हैं।
