नई दिल्ली: असम में भारी बारिश और नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण बाढ़ की स्थिति बृहस्पतिवार को भी गंभीर बनी रही। राज्य के 21 जिलों में करीब 7 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन की पहली लहर में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है।
नदियों का उफान और डूबते गांव
असम की सबसे बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र सहित 9 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बराक नदी और उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं, जिससे कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। बाढ़ की मौजूदा लहर ने राज्य के 66 राजस्व क्षेत्रों के करीब 1,500 गांवों को डुबो दिया है।
श्रीभूमि जिले में 339 गांव डूबे हैं। अकेले श्रीभूमि जिले में 2.59 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। नागांव में 189 गांव प्रभावित हुए हैं। कछार में 166 और हैलाकांडी में 156 गांवों में पानी घुस गया है। हैलाकांडी में 1.72 लाख और नागांव में 1.02 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
खेती और मवेशी भी संकट में
बाढ़ का असर खेती पर भी पड़ा है। अब तक करीब 14,978 हेक्टेयर फसलें पानी में डूब चुकी हैं। साथ ही 5 लाख से ज्यादा मवेशी भी प्रभावित हुए हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में लोगों की रोज़ी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) हालात पर नजर बनाए हुए है। राहत शिविर और मदद केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है।
रेल सेवा भी ठप, कर्मचारी जुटे हैं काम में
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) ने बताया कि दक्षिणी असम में रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं। कई रूटों पर ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। रेलवे कर्मचारी पटरियों की सफाई और मरम्मत में लगातार जुटे हुए हैं ताकि जल्द से जल्द सेवाएं बहाल की जा सकें।
