निलंबित संयुक्त संचालक अशोक चतुर्वेदी को हाईकोर्ट से झटका, याचिका खारिज

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

जे के मिश्र
, ब्यूरो चीफ,
नवभारत टाइम्स 24*7in, बिलासपुर

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ पंचायत विभाग में संयुक्त संचालक पद से निलंबित अशोक चतुर्वेदी को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की गुहार लगाई थी।

31 करोड़ की संपत्ति पर जांच का आधार ACB की जांच में चतुर्वेदी के पास 31 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति पाई गई, जबकि उनके संपूर्ण सेवा काल में आय केवल 68 लाख रुपये रही है। जांच एजेंसी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में 28 अगस्त 2023 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 13(1)(बी) और 13(2) के तहत रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।

छापे में जुटे महत्वपूर्ण दस्तावेज ACB ने चतुर्वेदी के विभिन्न ठिकानों पर छापे मारकर अहम दस्तावेज, बैंक खातों, संपत्ति और निवेश से जुड़ी जानकारियां जुटाई हैं। मामला इस वक्त रायपुर की विशेष अदालत (पीसी एक्ट) में विचाराधीन है।

राजनीतिक साजिश का आरोप, कोर्ट से नहीं मिला राहत अशोक चतुर्वेदी ने कोर्ट में दलील दी थी कि उनके खिलाफ कार्रवाई राजनीतिक दुर्भावना से की गई है और बिना वैध अनुमति के रिपोर्ट दाखिल की गई। लेकिन राज्य सरकार ने कोर्ट में स्पष्ट किया कि आय से कहीं अधिक संपत्ति का ठोस प्रमाण ACB के पास मौजूद है।

हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया मामला सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि आरोप गंभीर हैं और जांच को बाधित करना उचित नहीं होगा। अदालत ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच और ट्रायल ज़रूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके। इसी आधार पर चतुर्वेदी की याचिका को खारिज कर दिया गया।

आगे क्या? अब यह मामला ट्रायल के दौरान विशेष न्यायाधीश, रायपुर की अदालत में आगे बढ़ेगा। हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य के प्रशासनिक महकमे में हलचल है और यह संकेत मिला है कि भ्रष्टाचार के मामलों में कोई भी पद बड़ा नहीं होता।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

June 2025
S M T W T F S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *