नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा अवैध बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान और निर्वासन के लिए चलाए जा रहे “ऑपरेशन पुशबैक” के तहत दिल्ली में बड़ी कार्रवाई की गई है। उत्तर-पश्चिम जिले की फॉरेनर्स सेल ने एक सुनियोजित कॉम्बिंग ऑपरेशन के तहत 66 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है। पकड़े गए सभी लोग दिल्ली के वज़ीरपुर जे.जे. कॉलोनी और एनएस मंडी क्षेत्र में रह रहे थे।
11 परिवारों के 66 सदस्य हिरासत में
गिरफ्तार किए गए लोगों में 11 परिवार शामिल हैं, जिनमें 20 पुरुष, 16 महिलाएं और 30 बच्चे शामिल हैं। ये सभी हाल ही में हरियाणा के नूंह जिले से दिल्ली में आकर बसे थे, जहां पुलिस की सक्रियता के चलते उन्होंने राजधानी में शरण ली थी।
कैसे हुआ खुलासा?
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6 जून 2025 को भरत नगर, नई सब्जी मंडी और महेंद्र पार्क चौकी क्षेत्रों में यह कार्रवाई की गई।
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यह ऑपरेशन खुफिया इनपुट के आधार पर शुरू किया गया था, जिसमें संकेत मिला था कि इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में अवैध विदेशी नागरिक रह रहे हैं।
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पुलिस ने स्थानीय निवासियों, दुकानदारों, फेरीवालों और दूध विक्रेताओं से पूछताछ कर संदिग्ध ठिकानों की जानकारी जुटाई।
किसने की कार्रवाई?
इस अभियान का नेतृत्व डीसीपी भीष्म सिंह की निगरानी में एसीपी रंजीव कुमार और इंस्पेक्टर विपिन कुमार की टीम ने किया। इसमें एसआई सापन, एसआई श्यामबीर, एएसआई विनय, हेड कांस्टेबल टीका राम, प्रवीन, कपिल, विकास, कांस्टेबल हवा सिंह, निशांत और दीपक जैसे अधिकारी शामिल थे।
निगरानी से बचने की चालाकी
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये परिवार हरियाणा के भट्टों में मजदूरी करते थे और दिल्ली में आने के बाद दो समूहों में विभाजित होकर अलग-अलग इलाकों में रहने लगे। इन लोगों ने किसी प्रकार का मोबाइल या डिजिटल संपर्क नहीं रखा था ताकि पुलिस और एजेंसियों की नजर में न आएं।
अब आगे क्या?
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए सभी लोगों की पहचान सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उनके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बांग्लादेशी दूतावास से संपर्क कर उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया भी आरंभ होगी।
