छत्तीसगढ़ के 76 हजार दिव्यांग बच्चों के लिए 240 विशेष शिक्षक वर्षों से दे रहे सेवाएं, अब संविलियन की उम्मीदें तेज़

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

 

मुख्यमंत्री से हुई भेंट, सकारात्मक कार्यवाही का मिला भरोसा

निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111

मुंगेली-छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों के लिए कार्यरत विशेष शिक्षकों की वर्षों की मेहनत अब रंग लाने की ओर अग्रसर है। राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में वर्तमान में 76,000 से अधिक दिव्यांग बच्चे अध्ययनरत हैं। इनके समुचित अध्ययन-अध्यापन, समावेशी शिक्षा और शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए मात्र 240 बीआरपी समावेशी समन्वयक एवं विशेष शिक्षक विगत 14 से 18 वर्षों से कार्यरत हैं।

इन शिक्षकों के माध्यम से शासन दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने, आत्मनिर्भर बनाने और उनके सामाजिक व शैक्षणिक जीवन को सशक्त करने की दिशा में प्रयासरत है। हाल ही में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार 848 नवीन नियमित विशेष शिक्षक पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति शिक्षा व्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय माना जा रहा है।

संविलियन की उठी मांग: संघ ने रखी अपनी बात

छत्तीसगढ़ स्पेशल एजुकेटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष सौम्य देवांगन के नेतृत्व में वर्षों से कार्यरत 240 विशेष शिक्षकों को नवीन स्वीकृत पदों में संविलियन किए जाने की माँग लगातार की जा रही है। संघ के अनुसार इनमें से 107 शिक्षक ऐसे हैं, जिनकी उम्र सेवा के दौरान 50 वर्ष से अधिक हो चुकी है। ऐसे में उनके पास अन्य किसी रोजगार का विकल्प नहीं है।

संघ की प्रमुख मांग है कि शासन इन अनुभवी शिक्षकों की सेवा, अनुभव एवं योग्यता को मान्यता देते हुए, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कर संविलियन की प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करे।

मुख्यमंत्री से हुई भेंट, मिली आश्वासन

संघ के पदाधिकारीगणों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से भेंट कर अपनी बातों को रखा। मुख्यमंत्री जी ने इस विषय में संवेदनशील रुख अपनाते हुए शीघ्र ही सकारात्मक कार्यवाही का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री से भेंट के बाद संघ पदाधिकारियों में नया उत्साह देखने को मिला है और उन्हें अब अपने भविष्य के प्रति आशा की किरण दिखाई दे रही है।

15 जुलाई को शासन देगी सर्वोच्च न्यायालय में रिपोर्ट

प्रदेश शासन को आगामी 15 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, जिसमें नई भर्ती एवं पूर्व कार्यरत शिक्षकों के संबंध में उठाए गए कदमों का विवरण प्रस्तुत करना होगा। इस रिपोर्ट में शासन की संवेदनशीलता एवं न्यायोचित नीति स्पष्ट रूप से परिलक्षित होगी, ऐसा शिक्षकों को विश्वास है।

अन्य राज्यों में हो रहा संविलियन, छत्तीसगढ़ में भी उम्मीदें प्रबल

छत्तीसगढ़ से सटे राज्यों जैसे महाराष्ट्र, झारखंड और ओडिशा में विशेष शिक्षकों के संविलियन की प्रक्रिया गत वर्षों में संपन्न हो चुकी है। वहां की सरकारों ने पूर्व कार्यरत शिक्षकों के अनुभव को मान्यता देते हुए मानवता एवं संवेदनशीलता के साथ उन्हें स्थायी रोजगार प्रदान किया है।

संघ की अपील: दिव्यांग बच्चों के हित में शीघ्र हो निर्णय

छत्तीसगढ़ स्पेशल एजुकेटर संघ ने मुख्यमंत्री एवं शासन से पुनः निवेदन किया है कि 76000 दिव्यांग बच्चों के हित में कार्य कर रहे समावेशी समन्वयक एवं विशेष शिक्षकों का जल्द से जल्द संविलियन कर उन्हें न्याय, सुरक्षा एवं सम्मान प्रदान करें। साथ ही यह भी अपील की गई है कि इन शिक्षकों के योगदान को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें नियमित शिक्षक के रूप में स्थायीत्व प्रदान किया जाए।छत्तीसगढ़ प्रदेश आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है जहाँ मानव सेवा और शिक्षा का समर्पण, शासन की दूरदर्शिता एवं संवेदनशीलता के साथ एक सकारात्मक निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा है। यदि शासन समय रहते इन शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करता है, तो यह न केवल दिव्यांग बच्चों की शिक्षा बल्कि एक समावेशी समाज की दिशा में भी ऐतिहासिक कदम होगा।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

July 2025
S M T W T F S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *