रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती से निपटने के लिए समाज के हर वर्ग की साझी भागीदारी आवश्यक है। वे शुक्रवार को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषक सभागार में आयोजित फाइट अगेंस्ट ग्लोबल वार्मिंग कैंपेन कार्यक्रम में शामिल हुए। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ एवं छत्तीसगढ़ राज्य गौ संरक्षण एवं संवर्धन समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा विकास का मूलमंत्र है और इसमें निजी शिक्षण संस्थानों की भूमिका भी अत्यंत सराहनीय रही है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसी उद्देश्य से विकसित छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है।
ग्रीन एनर्जी में छत्तीसगढ़ अग्रणी
मुख्यमंत्री ने बताया कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग आज वैश्विक समस्या बन चुके हैं। भारत सरकार ने वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अहम कदम उठाए हैं। नई औद्योगिक नीति के तहत राज्य में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश केवल ऊर्जा क्षेत्र में हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है और पिछले वर्ष चार करोड़ पौधे लगाए गए थे। “एक पेड़ माँ के नाम” और “पीपल फॉर पीपुल” जैसे कार्यक्रमों को भविष्य में भी जारी रखा जाएगा।
बच्चों में विकसित हो पर्यावरण चेतना
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना सबसे जरूरी है, जिससे वे स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित भविष्य की नींव रख सकें। उन्होंने इस अभियान से जुड़े शिक्षकों, आयोजकों और संघ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह सामाजिक भागीदारी का बेहतरीन उदाहरण है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री साय ने संघ द्वारा आगामी वर्षों में 11 लाख पीपल के पौधे लगाने के संकल्प की प्रशंसा की। इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुबोध राठी, सचिव मनोज पांडेय समेत अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
