India Pakistan: कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश और युद्धविराम में अमेरिका की भूमिका को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर सवालों की बौछार कर दी है।
कांग्रेस नेताओं ने इसे न भारत की विदेश नीति पर सीधा हस्तक्षेप बताया।
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल से लेकर मनीष तिवारी, जयराम रमेश, शशि थरूर और मनोज झा जैसे दिग्गज नेताओं ने एक सुर में केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। अब यह मामला केवल एक अंतरराष्ट्रीय बयान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भारत की संप्रभुता, पारदर्शिता और लोकतांत्रिक विमर्श से जुड़ा बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।
#WATCH | Delhi | On US President Donald Trump's post, Rajya Sabha MP Kapil Sibal says, "Many questions will be raised on this tweet as well… So what happened (regarding India-Pakistan understanding), how and why, no information has been given to us regarding this… So we will… https://t.co/vOGjXCuFGM pic.twitter.com/6JgXFqEpZH
— ANI (@ANI) May 11, 2025
कपिल सिब्बल ने उठाए सवाल
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ट्रंप के उस सोशल मीडिया पोस्ट पर सवाल उठाए जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। सिब्बल ने कहा कि इस पोस्ट के बाद कई सवाल खड़े होंगे और विपक्ष को अब तक सही जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह हालिया घटनाक्रम पर चर्चा के लिए सभी दलों की बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाए।
‘पीएम मौजूद न हों तो बैठक में न जाए कोई पार्टी’
सिब्बल ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ऐसी किसी बैठक की अध्यक्षता नहीं करते, तब तक किसी भी दल को उसमें शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर आज मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री होते तो अब तक विशेष सत्र बुलाया जा चुका होता।”
मनीष तिवारी ने दी ट्रंप को इतिहास की जानकारी
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी ट्रंप की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि कश्मीर कोई “1000 साल पुराना” विवाद नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि यह विवाद 22 अक्टूबर 1947 को शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर हमला किया था। 26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर को भारत में पूरी तरह मिला दिया था।
#WATCH | Chandigarh | "…The 'ceasefire' is a wrong word as it was not a war. India was punishing Pakistan as it promotes terrorism. They should now stop encouraging terrorist activities against India…" says Congress MP Manish Tewari on the understanding reached between India… pic.twitter.com/FXsdV3yUOi
— ANI (@ANI) May 11, 2025
जयराम रमेश ने उठाए अहम सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी विशेष सत्र और सर्वदलीय बैठक की मांग की। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो द्वारा “न्यूट्रल फोरम” की बात कहे जाने पर चिंता जताई और पूछा – क्या भारत ने शिमला समझौता छोड़ दिया है? क्या अब हम तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार कर रहे हैं?
शशि थरूर बोले – आतंकियों को सबक मिल चुका है
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि हालात अब 1971 जैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने सिर्फ आतंकियों को सबक सिखाने के लिए कार्रवाई की थी और अब शांति जरूरी है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “हम उस स्थिति में पहुंच गए थे, जहां तनाव बेवजह नियंत्रण से बाहर हो रहा था। हमारे लिए शांति जरूरी है। सच तो यह है कि 1971 के हालात 2025 के हालात नहीं हैं। मतभेद हैं… यह ऐसा युद्ध नहीं था जिसे हम जारी रखना चाहते थे। हम बस आतंकवादियों को सबक सिखाना चाहते थे और वह सबक सिखाया जा चुका है। मुझे यकीन है कि सरकार पहलगाम की भयावह घटनाओं को अंजाम देने वाले खास लोगों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने की कोशिश जारी रखेगी…”
#WATCH | Delhi | RJD MP Manoj Jha says, "We were the victim, and we targeted with precision by ensuring no civilian casualties, and attacked the 9 terror sites. But we lost our people, officers. It's the difference between two Armies – a professional army of India and the Army of… pic.twitter.com/gCc9lVA5xr
— ANI (@ANI) May 11, 2025
मनोज झा ने कहा – ट्रंप पहले सामान्य ज्ञान बढ़ाएं
राजद सांसद मनोज झा ने भी ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अमेरिका को अपनी सीमाएं समझनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को अमेरिका के इस रवैये पर कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारे जवानों ने शहादत दी, हमने टारगेटेड जवाब दिया, लेकिन अमेरिका ने पहले ही सीजफायर का ऐलान कर दिया, जो शिमला समझौते के भी खिलाफ है।”
ट्रंप ने खुद को दिया मध्यस्थता का श्रेय
ट्रंप ने अपने Truth Social पोस्ट में लिखा कि भारत और पाकिस्तान ने सही समय पर शांति का रास्ता अपनाया, नहीं तो लाखों लोग मारे जा सकते थे। उन्होंने खुद को इस शांति समझौते का मददगार बताया और कश्मीर पर “1000 साल बाद समाधान” खोजने की बात दोहराई।
भारत का रुख साफ – कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा
भारत सरकार पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुकी है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।
