साय सरकार का ‘डिजिटल स्ट्राइक’! भ्रष्टाचार पर कसा शिकंजा — अब हर सरकारी कामकाज होगा पूरी तरह पारदर्शी

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

रायपुर।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी को हथियार बना लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चल रही यह “डिजिटल स्ट्राइक” मुहिम अब राज्य के हर विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही की नई मिसाल कायम कर रही है।

सरकार ने घोषणा की है कि अब भूमि रिकॉर्ड, निर्माण परियोजनाओं की मॉनिटरिंग, सरकारी खरीद और ठेका प्रक्रियाएं पूरी तरह ऑनलाइन होंगी। इससे प्रक्रियाओं में देरी खत्म होगी और हर लेन-देन का डिजिटल रिकॉर्ड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रहेगा, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी लगभग असंभव हो जाएगी।

राज्य में डिजिटल भुगतान प्रणाली को भी बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया गया है। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में अब सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को सीधे बैंक खातों में भुगतान किया जा रहा है, जिससे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त हो गई है। इससे सरकारी धन सही हाथों तक समय पर पहुंच रहा है और भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जा रही है।


🔹 JAM पोर्टल से बढ़ी पारदर्शिता

छत्तीसगढ़ सरकार ने जन-धन, आधार और मोबाइल (JAM) पोर्टल का उपयोग कर सरकारी खरीद प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता लाई है। अब सभी सरकारी भुगतान सीधे लाभार्थियों और विक्रेताओं के खातों में किए जा रहे हैं। इससे न केवल बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई है बल्कि धन के दुरुपयोग की संभावना भी घट गई है।


🔹 ई-गवर्नेंस और मोबाइल ऐप से जनता की सीधी भागीदारी

राज्य सरकार ने नागरिकों की शिकायतें और सुझाव तुरंत दर्ज करने के लिए ई-गवर्नेंस पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किए हैं। लोग अब किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार या देरी की शिकायत सीधे दर्ज कर सकते हैं। शिकायत पर की गई कार्रवाई और उसके नतीजे भी नागरिकों को डिजिटल माध्यम से बताए जाते हैं।


🔹 डेटा एनालिटिक्स से रियल-टाइम निगरानी

सरकार ने अब डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से हर सरकारी परियोजना की प्रगति, ठेके की प्रक्रिया और खर्च की रियल-टाइम मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। इससे अनियमितताओं की पहचान पहले ही चरण में हो जाती है, जिससे भ्रष्टाचार पर तुरंत रोक लगाई जा सके।


🔹 भ्रष्टाचार विरोधी कड़े कदम

साय सरकार ने हाल ही में आबकारी विभाग के 22 अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया है। इससे यह साफ संदेश गया है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


🔹 सफलताएँ और आगे की योजना

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में ई-गवर्नेंस और डिजिटल निगरानी लागू होने के बाद भ्रष्टाचार की शिकायतों में 35% की कमी आई है। वहीं, विकास परियोजनाओं के समय पर पूरा होने की दर में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है।

अब सरकार की योजना है कि डिजिटल निगरानी सिस्टम को ब्लॉक और पंचायत स्तर तक विस्तारित किया जाए ताकि राज्य का हर नागरिक सुशासन और पारदर्शिता का लाभ उठा सके।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है —

“हम भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए तकनीकी नवाचारों का पूरा इस्तेमाल करेंगे। यही नया छत्तीसगढ़ का रास्ता है — ईमानदार शासन और डिजिटल पारदर्शिता।”

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

Leave a Comment