मीटिंग में बगावत! – पटवारी ने एसडीएम से कहा ‘जो करना है कर लो’, मौके पर ही हुआ निलंबन

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मीटिंग में बगावत! – पटवारी ने एसडीएम से कहा ‘जो करना है कर लो’, मौके पर ही हुआ निलंबन

राजस्व विभाग की बैठक में देर से पहुंचे पटवारी ने दिखाई अनुशासनहीनता, एसडीएम के सवाल पर उखड़े बोल — प्रशासनिक हलकों में मचा हड़कंप

रायपुर। शुक्रवार को आयोजित राजस्व विभाग की बैठक उस वक्त गरमा गई जब एक पटवारी ने एसडीएम के सामने ही अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर दिया।
घटना बिलासपुर की है, जहां ग्राम खमतराई के पटवारी रमेश कुमार वैष्णव को बैठक के दौरान अनुशासनहीन व्यवहार करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार, एसडीएम मनीष साहू अपने अनुभाग के पटवारियों के साथ विभागीय बैठक ले रहे थे। इस दौरान हल्का नम्बर 25, ग्राम खमतराई के पटवारी रमेश कुमार वैष्णव निर्धारित समय से काफी देर से पहुंचे।
जब एसडीएम ने उनसे देरी का कारण पूछा, तो उन्होंने कड़े और अपमानजनक लहजे में जवाब दिया — “नहीं बताऊंगा, जो करना है कर लो।”

यह जवाब सुनकर बैठक में सन्नाटा छा गया। बताया जाता है कि एसडीएम ने पटवारी से खड़े होकर उत्तर देने को कहा, जिस पर रमेश वैष्णव ने चेयर पर बैठने की जिद करते हुए निर्देश का पालन करने से इनकार कर दिया।
यहां तक कि जब उन्हें बैठक कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा गया, तब भी वे कक्ष में ही बैठे रहे और आदेश को ठुकरा दिया।

एसडीएम मनीष साहू ने मौके पर ही पटवारी के खिलाफ निलंबन आदेश जारी कर दिया
निलंबन के बाद उनके दायित्वों का प्रभार विकास जायसवाल, पटवारी को सौंपा गया है।

प्रशासनिक हलकों में यह घटना तेजी से चर्चा का विषय बन गई है।
अधिकारियों का कहना है कि सरकारी बैठकों में इस तरह का अनुशासनहीन व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, और यह कार्रवाई दूसरों के लिए कड़ा संदेश है कि सरकारी जिम्मेदारियों में अनुशासन सर्वोपरि है।

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Author: Deepak Mittal

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