जे के मिश्र
जिला ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7 in बिलासपुर
बिलासपुर। जिले में कोरोना संक्रमण एक बार फिर धीरे-धीरे पांव पसार रहा है। सोमवार को संक्रमण के तीन नए मामले सामने आए हैं, जिससे एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी सतर्कता बरतते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत कोर्ट परिसर में मास्क लगाना अब अनिवार्य कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, हालिया मामलों में विनोबा नगर का 21 वर्षीय युवक, ग्रीन पार्क की 34 वर्षीय महिला और टिकरापारा क्षेत्र के 75 वर्षीय बुजुर्ग शामिल हैं। राहत की बात यह है कि तीनों संक्रमितों की हालत सामान्य है और वे फिलहाल होम आइसोलेशन में हैं।
स्थानीय स्तर पर फैल रहा संक्रमण
कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. प्रभावत श्रीवास्तव के अनुसार, इन मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई है, जिससे अंदेशा है कि संक्रमण अब स्थानीय स्तर पर फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमितों के संपर्क में आए अन्य लोगों का पता लगाने में जुटी है। उन्हें निगरानी में रखकर टेस्टिंग की जा रही है।
लापरवाही बन सकती है खतरनाक
डॉक्टरों का मानना है कि वर्तमान में केस कम जरूर हैं, लेकिन सतर्कता में ढिलाई संक्रमण को तेज़ी से फैला सकती है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि मास्क का उपयोग, हाथों की स्वच्छता और भीड़भाड़ से बचाव जैसी सावधानियां अब भी ज़रूरी हैं। संक्रमण के लक्षण दिखने पर बिना देरी के जांच कराना और खुद को आइसोलेट करना अत्यंत आवश्यक है।
हाईकोर्ट परिसर में सतर्कता के निर्देश
देशभर में कोविड केस में वृद्धि को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट प्रशासन ने भी एहतियातन कदम उठाए हैं। समर वेकेशन के बाद सोमवार से हाईकोर्ट में नियमित कामकाज शुरू हो गया है और इसके साथ ही परिसर में सुरक्षा उपाय भी सख्त कर दिए गए हैं। हाईकोर्ट द्वारा वकीलों, कर्मचारियों और आगंतुकों को मास्क पहनकर आने की हिदायत दी गई है। परिसर में समय-समय पर सैनिटाइजर के उपयोग और भीड़ से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।
प्रभारी रजिस्ट्रार जनरल खिलावन राम रिगरी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कोर्ट में रोज़ बड़ी संख्या में अधिकारी और ओएसडी मौजूद रहते हैं, ऐसे में संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी का सहयोग बेहद ज़रूरी है।
फिलहाल कोरोना की गंभीरता पहले जैसी नहीं है, लेकिन सावधानी और सतर्कता ही इससे बचाव का सबसे कारगर उपाय है। स्वास्थ्य विभाग और न्यायालय दोनों ही स्तरों पर प्रयास जारी हैं कि संक्रमण पर समय रहते काबू पाया जा सके।
