Jharkhand Liquor Scam: सस्पेंडेड IAS विनय चौबे की बढ़ी मुश्किलें, आय से अधिक संपत्ति की जांच को मिली सरकार की मंजूरी, रिश्तेदार भी ACB के रडार पर

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

रांची। झारखंड के चर्चित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने चौबे और उनके नजदीकी रिश्तेदारों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की प्रक्रिया तेज कर दी है। जांच एजेंसी को सरकार से प्रीलिमिनरी इंक्वायरी (PE) दर्ज करने की अनुमति मिल गई है।

इन पर है ACB की नजर

सूत्रों के अनुसार, एसीबी ने चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता, साले शीपिज त्रिवेदी और उनकी पत्नी प्रियंका, कारोबारी विनय कुमार सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा, चार्टर्ड अकाउंटेंट उपेंद्र शर्मा और एक अन्य करीबी धनंजय सिंह की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है।

एसीबी को शक है कि शराब घोटाले से हुई काली कमाई को विनय चौबे ने अपने करीबियों के नाम पर प्रॉपर्टी व कंपनियों में निवेश किया।

क्या हैं आरोप?

विनय चौबे पर आरोप है कि उन्होंने झारखंड में आबकारी सचिव रहते हुए छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट के साथ मिलीभगत कर एक नई शराब नीति बनाई, जिससे राज्य को कई करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

पहले से चल रही प्रारंभिक जांच में एसीबी को चौबे की अवैध संपत्तियों के पुख्ता साक्ष्य मिले थे। अब सरकार की मंजूरी के बाद, इन संपत्तियों की खुली जांच शुरू हो गई है।

रजिस्ट्री ऑफिस से मांगी गई जमीन की डिटेल

एसीबी ने रजिस्ट्री कार्यालयों को पत्र भेजकर चौबे व उनके करीबियों के नाम पर दर्ज संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है। अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती जानकारी में पांच संपत्तियां और तीन कंपनियों की जानकारी सामने आई है।

पूछताछ से बचते कारोबारी विनय सिंह

शराब घोटाले में संदिग्ध कारोबारी विनय कुमार सिंह अब तक पूछताछ के लिए ACB मुख्यालय नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया है। इस बीच ACB ने उनकी कंपनी नेक्सजेन के एकाउंटेंट राजीव झा और एक अन्य फर्म के एकाउंटेंट वीरेंद्र कुमार से पूछताछ कर ली है।

तीसरी और अंतिम बार नोटिस जारी करने पर विचार किया जा रहा है।

क्या आगे होगा?

ACB सूत्रों के अनुसार, अब सभी संदिग्ध व्यक्तियों की बैंक ट्रांजेक्शनसंपत्ति रजिस्ट्रेशनकंपनी निवेश, और विदेशी दौरे जैसी जानकारियों को खंगाला जाएगा।

इस घोटाले से जुड़े दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच भी कराई जा सकती है।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

June 2025
S M T W T F S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *