दीपक मितल
बालोद। जिले के गुरुर विकासखंड के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम पौंड इन दिनों अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का गढ़ बन चुका है। चैन माउंटेन जैसी भारी मशीनों से दिन-रात नदियों का दोहन किया जा रहा है, और बिना किसी वैध अनुमति के सैकड़ों हाईवा ट्रकों के माध्यम से रेत को चारामा, कांकेर, दुर्ग और रायपुर तक भेजा जा रहा है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, यह पूरा नेटवर्क एक संगठित रेत माफिया गिरोह द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसे बालोद जिले के प्रभावशाली नेताओं और बाहरी जिलों से आए रेत कारोबारियों का संरक्षण प्राप्त है। स्थानीय ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि यह कार्य सत्तारूढ़ दल के नेताओं के नाम लेकर किया जा रहा है, जिससे कोई अधिकारी हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं कर रहा,,
जिला प्रशासन की चुप्पी, खनिज विभाग की नाकामी,,
खनिज विभाग की टीमों की अनुपस्थिति और निरीक्षण की खानापूर्ति इस अवैध धंधे की पुष्टि करती है। ग्राम पौंड से लेकर शिवनाथ नदी के तटवर्ती क्षेत्रों तक अवैध खनन के कारण प्राकृतिक संसाधनों का विनाश हो रहा है। प्रशासन के संज्ञान में होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।
जनप्रतिनिधियों के नाम का खुला दुरुपयोग
अवैध कारोबार में शामिल लोग खुलेआम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रभारी मंत्री विजय शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव सिंह ठाकुर और अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम लेकर अपने कार्यों को जायज़ ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल शासन की साख पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि प्रशासनिक तंत्र किस हद तक राजनीतिक दबाव में पंगु बन चुका है।
प्राकृतिक आपदा की ओर बढ़ता बालोद जिला ???
लगातार रेत की लूट से नदी की गहराई बढ़ रही है, जिसके कारण मानसून में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। वहीं दूसरी ओर, शासन को मिलने वाला राजस्व सीधे तौर पर करोड़ों रुपये का नुकसान झेल रहा है।
सवाल प्रशासन से – कब टूटेगी चुप्पी?
1. जिला कलेक्टर और एसपी बालोद आखिर इस अवैध कार्य को रोकने में क्यों असफल हैं?
2. क्या खनिज विभाग जानबूझकर आंख मूंदे बैठा है?
3. क्या शासन की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले इस संगठित अपराध पर मुख्यमंत्री स्वयं संज्ञान लेंगे?
जनता अब जवाब चाहती है। अगर शासन-प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो यह मामला पूरे प्रदेश में एक बड़े घोटाले का रूप ले सकता है।
यह आवाज अब दबने वाली नहीं। अब जरूरत है ठोस कार्रवाई की—वरना जनता ही जवाब मांगने सड़कों पर उतर आएगी।
क्या कहते हैं अधिकारी जनप्रतिनिधि,,,
बालोद जिले में अवैध रूप से रेत उत्खनन और परिवहन को लेकर खनिज अधिकारी मीनाक्षी साहू कहती हैं की अभी किसी भी नदी नालों , घाटों के रेट के लिए लीज नहीं दी गई है लगातार कार्रवाई जारी है आगे भी जारी रहेगी,,
वहीं भाजपा के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि कहते हैं कि भाजपा के नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है भाजपा अवैध कार्यों में नहीं रहती है शीघ्र ही कार्रवाई कराई जाएगी,,,
रेत उत्खनन करने वाले लोगों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि भाजपा बालोद जिले के बड़े नेताओं के इशारों पर उनके संरक्षण पर रेत उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है ,,हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा हम लोग अधिकारियों की जेबें गर्म कर रहे हैं साथ ही नेताओं को महीना पहुंचते हैं,,
