गरियाबंद। जिले में चल रहे अवैध रेत खनन के खिलाफ प्रशासन ने अब कड़ा रुख अपना लिया है। पितई बंद क्षेत्र में पत्रकारों पर रेत माफिया के गुर्गों द्वारा किए गए हमले के बाद मामले ने गंभीर मोड़ ले लिया है। पत्रकारों ने कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लेते हुए एक के बाद एक सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
खनिज अधिकारी को शोकॉज, जवाब तलब
कलेक्टर भगवान सिंह यूईके ने जिला खनिज अधिकारी रोहित साहू को शोकॉज नोटिस जारी कर पूछा है कि अवैध खनन की जानकारी होने के बावजूद अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अधिकारी से जल्द स्पष्टीकरण मांगा गया है।
17 से अधिक अवैध खदानें, कई अब भी सक्रिय
जिले में देवभोग के पुराना पानी घाट को छोड़कर कम से कम 17 अवैध रेत खदानें बिना किसी वैध अनुमति के संचालित की जा रही थीं। पत्रकारों पर हमले की घटना के बाद इनमें से आधी खदानों को बंद करवा दिया गया है, लेकिन कई खदानें अब भी सक्रिय हैं, जिन्हें पूरी तरह से बंद कराने की मांग पत्रकार संगठनों ने की है।
मार्ग अवरुद्ध कर रोका जाएगा खनन
कलेक्टर यूईके और एसपी निखिल राखचे ने आश्वासन दिया है कि अवैध खदानों तक हाइवा और अन्य भारी वाहनों की पहुंच रोकने के लिए रास्तों पर स्ट्रक्चर बनाकर मार्ग अवरुद्ध किया जाएगा। जहां अस्थायी रैंप बनाए गए हैं, उन्हें तोड़ने के आदेश दिए गए हैं।
पीएम आवास योजना को मिलेगी प्राथमिकता
कलेक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के 33% आवास पूर्ण हो चुके हैं। इन योजनाओं के तहत निर्माण कार्यों को रेत बिना रॉयल्टी के उपलब्ध कराई जाएगी। यदि कोई व्यक्ति या माफिया इन आवासों के लिए रेत के परिवहन में बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तहसीलदारों और पंचायतों को निर्देश
मंगलवार शाम को ही सभी तहसीलदारों और एसडीएम को पत्र जारी कर अवैध रेत खनन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और निगरानी तेज करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही जिन पंचायत क्षेत्रों में अवैध गतिविधियां जारी हैं, उन्हें अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है।
गरियाबंद प्रशासन ने अब स्पष्ट कर दिया है कि अवैध रेत खनन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकारों पर हमले के बाद प्रशासन की सख्ती ने यह संदेश दिया है कि चाहे माफिया हो या किसी अन्य का संरक्षण, कानून सभी के लिए एक समान होगा।
