अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़ – कोरिया जिले के पटना क्षेत्र स्थित ग्राम छिनदिया बांध पारा में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। एक ही परिवार के दो सगे मासूम भाइयों की सांप के काटने से मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे इलाके में मातम का माहौल है।
क्या हुआ था?
घटना बुधवार देर रात की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार:
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सूर्यभान राजवाड़े (13 वर्ष) और उसका छोटा भाई मानव राजवाड़े, माता-पिता के साथ घर के बिस्तर पर सो रहे थे।
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आधी रात को दोनों बच्चों के पेट में दर्द होने लगा और मुंह से झाग निकलने लगे।
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परिवार को जब पता चला, तो वे दोनों बच्चों को तुरंत अस्पताल ले जाने निकले।
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दुर्भाग्यवश, एक बच्चे ने रास्ते में दम तोड़ दिया, और दूसरे की मौत बैकुंठपुर जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई।
परिवार और गांव पर क्या असर हुआ?
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घटना से पूरा राजवाड़े परिवार सदमे में है।
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मां भाग्यश्री राजवाड़े की हालत भी इस सदमे से बिगड़ गई है, जिन्हें अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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गांव के लोग स्तब्ध हैं और परिवार के घर पर शोक संवेदनाएं प्रकट करने वालों की भीड़ लगी हुई है।
अब तक की प्राथमिक जानकारी:
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प्रथम दृष्टया, यह मामला सर्पदंश (सांप काटने) का प्रतीत होता है।
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स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर मुआयना शुरू कर दिया है।
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शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया है, और सटीक कारण की पुष्टि रिपोर्ट से होगी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
ग्राम स्तर पर अभी तक कोई आधिकारिक मुआवजा घोषित नहीं किया गया है, लेकिन जिला प्रशासन ने जांच और सहायता का आश्वासन दिया है। सर्पदंश से मौत होने की स्थिति में शासन की ओर से मुआवजा नीति के तहत आर्थिक सहायता मिलने की संभावना है।
“हमने दो फूलों को खो दिया”
गांव के एक बुजुर्ग ने रोते हुए कहा – “ये दोनों भाई हमारे पूरे मोहल्ले की रौनक थे…भगवान से यही प्रार्थना है कि परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।”
संपादकीय टिप्पणी:
यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के प्रति जागरूकता और चिकित्सा व्यवस्था की कमी की ओर इशारा करती है। ग्रामीण इलाकों में रात के समय सोते वक्त मच्छरदानी या ऊंचे बिस्तर का उपयोग, और सांप के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा ज्ञान, जीवन बचा सकता है।
