जे के मिश्र / बिलासपुर – सिम्स अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में डॉक्टर दीपक जांगड़े और उनकी टीम ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने 300 बच्चों के जन्मजात टेढ़े पैर का सफल ऑपरेशन कर उनके जीवन को नई दिशा दी है। यह ऑपरेशन बच्चों के परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है, क्योंकि निजी अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च होने की संभावना थी, जो सिम्स में नि:शुल्क सेवाओं से बचा लिया गया।
टेढ़े पैर वाले बच्चों का सफल ऑपरेशन
सिम्स अस्पताल में हड्डी रोग और शिशु रोग विभाग की टीम ने मिलकर 300 बच्चों का सफल ऑपरेशन किया है। ये बच्चे जन्मजात विकृति के कारण ठीक से चलने-फिरने में असमर्थ थे, लेकिन सर्जरी के बाद अब वे बच्चे बिना किसी परेशानी के दौड़ने और खेलने में सक्षम हैं। यह मुमकिन हुआ है डॉक्टर दीपक जांगड़े और उनकी टीम के समर्पित प्रयासों से।
डॉ. दीपक जांगड़े का बयान
डॉ. दीपक जांगड़े ने बताया कि टेढ़े पैर की समस्या एक जन्मजात विकृति है, जो किसी बच्चे के एक पैर या दोनों पैरों में हो सकती है। पहले के समय में लोगों को इस विकृति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, इसलिए वे इलाज भी नहीं कराते थे। लेकिन अब, सिम्स अस्पताल में इस विकृति का सफल इलाज हो रहा है। उन्होंने बताया कि जन्म से दो साल के बच्चों को प्लास्टर लगाकर बाद में छोटा ऑपरेशन किया जाता है और उन्हें विशेष जूते पहनाए जाते हैं, जिससे उनके पैर पूरी तरह सीधा हो जाते हैं।
ओपीडी में रोज आते हैं नए मरीज
फिलहाल, सिम्स अस्पताल के ओपीडी में हर दिन 1 से 2 नए मरीज इस समस्या के साथ इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जल्द इलाज से बच्चों को सामान्य जीवन जीने का मौका मिल सकता है।
Author: Deepak Mittal










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