Assembly Elections 2024-25: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख अजित पवार ने घोषणा की उनकी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी, जिससे राकांपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पुन: दिलाया जा सके।
राष्ट्रीय राजधानी स्थित राकांपा कार्यालय में आयोजित एक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए अजित पवार ने महाराष्ट्र चुनाव में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि महायुति एकजुट है और जल्द ही सरकार बनाएगा। पवार ने कहा कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद महायुति के नेताओं ने पहली बार बृहस्पतिवार शाम को बैठक की। उन्होंने कहा, ”हम एकजुट हैं… कोई मतभेद नहीं है।” पवार ने कहा कि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी चुनाव न जीत पाने के बाद ईवीएम मशीन को दोष दे रहा है।
पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। वे ईवीएम को दोष दे रहे हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव में उन्हें अनुकूल परिणाम नहीं मिले।” कांग्रेस और शरदचंद्र पवार की पार्टी राकांपा (एसपी) ने विधानसभा चुनाव में ईवीएम के उपयोग पर संदेह जताया है और मतदान के लिए मतपत्र के इस्तेमाल की पुरानी परंपरा को दोबारा से वापस लाने की मांग की।
राकांपा के भविष्य के लिए योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहले राकांपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था लेकिन अब वह इसे दोबारा पाने के लिए काम करेंगे। पवार ने कहा, ”हमें अब और अधिक काम करने की जरूरत है। हम लड़ेंगे और सफलता हासिल करेंगे।” पिछले साल अप्रैल में राकांपा ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो दिया था।
अजित पवार ने कहा, ”हमारा अगला लक्ष्य दिल्ली विधानसभा चुनाव है। हम जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी में राकांपा का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करेंगे।” पवार ने कहा कि वह महाराष्ट्र में सत्ता साझेदारी व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी आये हैं। महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति को भारी बहुमत मिला है।
महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के बारे में पवार ने कहा कि वह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेन्द्र फड़नवीस, निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा भाजपा के केंद्रीय नेता बैठक करेंगे, जिसमें इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। पवार ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद पर कोई चेहरा सामने नहीं लाने का फैसला किया था।