वरिष्ठ पदों पर बाहरी विभागों के अफसरों की पोस्टिंग से नाराज परिवहन अधिकारी, नियम उल्लंघन और अधिकार हनन की शिकायत
रायपुर। छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर तैनाती का मुद्दा अब बड़ा विवाद बन गया है। विभागीय अधिकारियों ने परिवहन मंत्री केदार कश्यप को ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि यह नियुक्तियां पूरी तरह नियम विरुद्ध हैं और इससे विभाग की कार्यप्रणाली व तकनीकी दक्षता प्रभावित हो रही है।
ज्ञापन में बताया गया है कि वर्तमान में रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर में वरिष्ठ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (SRTO) के पदों पर राज्य प्रशासनिक सेवा (SAS) के अफसरों को प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है। जबकि, छत्तीसगढ़ परिवहन (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 2010 और तृतीय श्रेणी सेवा भर्ती नियम 2008 में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है।
अधिकारियों ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की 21 जुलाई 2023 की गाइडलाइन का हवाला दिया, जिसमें साफ कहा गया था कि परिवहन विभाग के अधिकारियों के लिए न्यूनतम तकनीकी अर्हता अनिवार्य है। विभागीय अधिकारियों ने तर्क दिया कि वे पहले से तकनीकी अर्हता रखते हैं और उन्हें नियमित तौर पर CIRT पुणे व अन्य राष्ट्रीय संस्थानों में ट्रेनिंग दी जाती है। ऐसे में बाहरी गैर-तकनीकी अधिकारियों की नियुक्ति तकनीकी व्यवस्था के लिए खतरा है।
एक और बड़ा आरोप यह है कि प्रतिनियुक्त अफसरों को मोटरयान अधिनियम के तहत किसी भी तरह की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इसके बावजूद उन्हें पंजीयन प्राधिकारी, अनुज्ञापन प्राधिकारी और परमिट जारी करने जैसे अधिकारों का इस्तेमाल करने दिया जा रहा है, जिसे अधिकारी गंभीर नियम उल्लंघन बता रहे हैं।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पदोन्नति मिलने के बाद भी उन्हें नियमानुसार पदस्थापना नहीं दी जा रही, जिससे वे क्षुब्ध होकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। ज्ञापन में यह भी लिखा गया है कि पिछली सरकार ने ऐसी प्रतिनियुक्तियां हटाई थीं, लेकिन मौजूदा सरकार ने फिर से इसे लागू कर दिया है।
अधिकारियों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर भर्ती नियमों में संशोधन कर अन्य विभागों के गैर-तकनीकी अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लाने की कोशिश हुई, तो यह न केवल आपत्तिजनक होगा बल्कि विभाग की दक्षता और तकनीकी व्यवस्था पर सीधा असर डालेगा।

Author: Deepak Mittal
