शहर के विभिन्न चौक पर बने स्मारकों पर कार्य के विपरित अधिक भुगतान ..ठेकेदार पर नगरपालिका की मेहरबानी
निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
मुंगेली- मुंगेली शहर के विभिन्न चौक पर स्मारक बनाए गए हैं जिसमें दाउपारा चौक, पुराना बस स्टैण्ड, गोल बाजार सहित सिटी कोतवाली परिसर स्थित नव निर्मित गार्डन, ये सभी काम ऐसे हैं जिनमें ठेकेदार को जितना भुगतान किया गया है निर्माण कार्य में लागत उससे बहुत कम आई है, इसका अंदाजा उक्त कार्य को देखकर ही लगाया जा सकता है। फिर कुछ कार्यां के लिए नगर पालिका ऐसे ठेकेदारों को भुगतान क्यों कर रही है, यह समझ से परे है। जिन कार्यां का भुगतान किया जा चुका है उसकी जॉच की जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि ठेकेदार को नियम विपरित भुगतान किया गया है।
नगर के पुराना बस स्टैण्ड में भगवान परशुराम की प्रतिमा बनाई गई है, उसे देखकर यह ज्ञात होता है कि इसकी लागत भी अधिक नही हुई है जबकि विभाग में इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि उक्त कार्य का लाखों में भुगतान किया जा सकता है। अब इस बात की पुष्टि तो विभाग ही करेगा कि उक्त कार्य में लागत कितनी आई और कितना भुगतान किया जाएगा। लेकिन इन कार्यां को देखकर यह स्पष्ट हो रहा है कि ठेकेदार सौरभ भार्गव पर नगर पालिका मेहरबान है।
मौके पर निर्माण कार्य से संबंधित कोई सूचना पटल नही
शहर के चौक चौराहों पर कुछ कार्य ऐसे हैं जो रातों रात निर्माण कराए गए हैं इन कार्यां की निर्धारित लागत, स्वीकृत राशि, मद का नाम, खर्च हुई राशि एवं ठेकेदार का नाम किसी का कुछ पता नहीं है। जबकि कोई भी निर्माण कार्य टेण्डर के माध्यम से ही ठेकेदार को मिलता है इसके साथ ही निर्माण कार्य स्थल पर संबंधित कार्य के संबंध में संपूर्ण सूचना चस्पा की जाती है, मगर इन कार्यां के संबंध में कोई सूचना चस्पा नही की गई है।
ठेकेदार पर मेहरबान नगरपालिका
विभिन्न चौक पर हुए निर्माण कार्य एक ही ठेकेदार सौरभ भार्गव के नाम पर स्वीकृत हुए हैं, इसके अलावा इनके द्वारा जो भी कार्य कराए जा रहे हैं उसमें गुणवत्ता को दरकिनार कर कार्य किया गया है, यदि इन सभी कार्यों की जॉच हुई तो निश्चित ही भ्रष्टाचार सिद्ध हो जाएगा।
सिटी कोतवाली में बने गार्डन में भी करप्शन
कोतवाली थाना परिसर में जो छोटा सा गार्डन बना है उसे भी ठेकेदार सौरभ भार्गव के द्वारा बनाया गया है, उक्त परिसर में जो पेवर ब्लॉक लगाया गया है उसे भी बिना कांक्रीट के ऐसे ही बिछा दिया गया है, जबकि पेवर ब्लॉक लगाने के पूर्व ही जमीन की कांक्रीटिंग करना अनिवार्य होता है इससे पत्थर मजबूती के साथ चिपका रहता है। वर्तमान में उक्त पेवल ब्लॉक जमीन में धंस रहा है। अब ऐसे में करप्शन होने की बात को कैसे झूठलाया जा सकता है। इसकी जॉच हुई तो निश्चित ही ठेकेदार पर गाज गिरेगी।
गोल बाजार मेंं बने स्मारक की लागत का अता पता नहीं
शहर के हृदयस्थल गोल बाजार में भी एक स्मारक बनाया गया है उस पर भी कोई सूचना पटल नही है। इसकी ठेका भी सौरभ भार्गव के नाम पर जारी हुआ है। इन सभी कार्यां की जॉच की जानी आवश्यक है ताकि सच सामने आ सके।
