मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री मोदी से बोधघाट बांध और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजनाओं पर की चर्चा

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में विकसित करने के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की है। इन दोनों परियोजनाओं से लगभग सात लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी, जो बस्तर क्षेत्र के चहुंमुखी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

बस्तर के विकास में परियोजनाओं का बड़ा योगदान

बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, जिससे सिंचाई साधनों के विकास में यह क्षेत्र पिछड़ गया था। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि सरकार सिंचाई की समस्या दूर करने और क्षेत्र के समग्र विकास के लिए इन परियोजनाओं पर काम कर रही है। बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना बस्तर क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए निर्णायक साबित होगी।

यह परियोजना इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है, जो गोदावरी नदी की एक बड़ी सहायक नदी है। वर्ष 1980 में गोदावरी जल विवाद अभिकरण के अवॉर्ड में भी इस परियोजना का उल्लेख है, जबकि अन्य संबंधित परियोजनाओं को लागू किया जा चुका है। नक्सल समस्या और दूरस्थता के कारण अब तक इस परियोजना को प्रारंभ नहीं किया जा सका।

परियोजना से मिलने वाले लाभ

बोधघाट बांध परियोजना से 125 मेगावाट विद्युत उत्पादन, 4824 टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन, और खरीफ-रबी मौसम में कुल 3,78,475 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई का विस्तार संभव होगा। इसके साथ ही 49 मिलियन घन मीटर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले की लगभग 50,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे कुल सिंचाई क्षेत्र 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक होगा।

इन परियोजनाओं से बस्तर क्षेत्र का विकास दोगुनी गति से बढ़ेगा और यह क्षेत्र आत्मनिर्भर बनेगा।

परियोजना की विस्तृत जानकारी

  • बोधघाट बांध परियोजना दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड एवं तहसील गीदम के ग्राम बारसूर के नजदीक प्रस्तावित है, जो जगदलपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूर है।

  • दोनों परियोजनाओं की अनुमानित कुल लागत 49,000 करोड़ रुपये है, जिसमें बोधघाट बांध परियोजना की लागत लगभग 29,000 करोड़ और इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना की लागत करीब 20,000 करोड़ रुपये है।

  • बोधघाट बांध की जलभराव क्षमता 2,727 मिलियन घन मीटर है, जिसका सतही क्षेत्रफल लगभग 10,440 हेक्टेयर होगा।

लाभान्वित जिले और गांव

बोधघाट बांध परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा के कुल 269 गांवों को लाभ मिलेगा, जबकि इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना से कांकेर जिले के अनेकों गांवों में सिंचाई सुविधाएं बढ़ेंगी। ये परियोजनाएं बस्तर संभाग को विकसित, सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।


(रिपोर्ट: दीपक मितल, प्रधान संपादक, छत्तीसगढ़)

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

August 2025
S M T W T F S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *