रायगढ़ का महाघोटाला : 380 कट्टा राशन डकार गए घोटालेबाज, गरीबों के हक पर डकैती और प्रशासन बना तमाशबीन…

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

शैलेश शर्मा 9406308437नवभारत टाइम्स 24×7.in जिला ब्यूरो रायगढ़

रायगढ़। गरीबों के लिए आने वाले पीडीएस चावल की लूट खुलेआम हो रही है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ “जांच” का नाटक किया जा रहा है! तिरुपति राइस मिल में 380 कट्टा पीडीएस चावल जब्त किया गया, लेकिन हकीकत यह है कि रसूखदारों को बचाने के लिए प्रशासन खुद इस मामले को दबाने में लगा हुआ है।

जब कोई गरीब 5 किलो चावल बेचते पकड़ा जाता है तो उस पर तुरंत एफआईआर दर्ज होती है, उसका राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाता है और जेल भेज दिया जाता है। लेकिन जब करोड़ों का राशन चोरी करके मिलों में खपाया जाता है, तो सरकार और प्रशासन “जांच जारी है” का बहाना बना कर आंखें मूंद लेता है! आखिर क्यों?

सबूत मिटाने की कोशिश, फिर भी कोई गिरफ्तारी नहीं : जूट मिल पुलिस ने छापा मारकर 380 कट्टा पीडीएस चावल जब्त किया।

  • इनमें से 30-40 बोरियों पर मिल की स्लिप लगी हुई थी।
  • बाकी बोरियों से पहचान मिटाने के लिए सबूत फाड़कर फेंक दिए गए।
  • खाद्य विभाग को जांच सौंपी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
    यानी अपराध सिद्ध होने के बाद भी मिल संचालक राजकुमार सिंघल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई! क्या रसूखदारों के लिए सरकार के नियम अलग हैं?

कलेक्टर कोर्ट तक मामला, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं : खाद्य विभाग ने यह मामला कलेक्टर कोर्ट में पेश किया, जिससे यह साबित हो चुका है कि:
✔ चावल पीडीएस दुकान का ही था और इसे राशन दुकानों से हटाकर तिरुपति राइस मिल में खपाया जा रहा था।
✔ मिल संचालक के पास इस चावल के कोई वैध दस्तावेज नहीं थे।
✔ कानून के अनुसार, तुरंत एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी।
लेकिन हकीकत यह है कि अभी तक एफआईआर दर्ज करने के आदेश तक नहीं दिए गए हैं!

गरीबों पर सख्ती, रसूखदारों को राहत-दोहरे मापदंड क्यों? :
जब गरीब व्यक्ति 5 किलो राशन चावल बेचता है, तो…

  • एफआईआर होती है।
  • राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाता है।
  • गिरफ्तारी होती है।

लेकिन जब एक मिल मालिक 380 कट्टा (19,000 किलो) चावल हड़प लेता है, तब…
❌ मामला लटकाया जाता है।
❌ एफआईआर नहीं होती।
❌ राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण दिया जाता है।

क्या सरकार और प्रशासन राशन माफिया के साथ खड़ा है? : यह कोई छोटा मामला नहीं, बल्कि करोड़ों के राशन घोटाले का संकेत है। अगर एक मिल में 380 कट्टा चावल पकड़ा गया, तो सोचिए बाकी मिलों में कितना चावल खपाया जा रहा होगा?

  • तिरुपति राइस मिल अकेली नहीं, रायगढ़ की कई मिलों में यह खेल चल रहा है।
  • पीडीएस चावल की कालाबाजारी रोकने के लिए कानून तो बने, लेकिन इन्हें लागू करने वाले ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
  • अगर तिरुपति राइस मिल के संचालक पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह साफ हो जाएगा कि यह घोटाला सिर्फ एक मिल तक सीमित नहीं है, बल्कि एक पूरे रैकेट का हिस्सा है।

सरकार क्या कर रही है? : अगर सरकार ईमानदार है और सच में गरीबों के हक की रक्षा करना चाहती है, तो:

  • मिल संचालक पर तत्काल एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
  • पूरा नेटवर्क उजागर करने के लिए SIT, ED या CBI जांच कराई जाए।
  • रायगढ़ की सभी मिलों की तत्काल जांच होनी चाहिए।

अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन कार्रवाई करता है या फिर रसूखदारों को बचाने के लिए “जांच जारी है” का खेल चलता रहेगा! क्या रायगढ़ की जनता इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएगी?

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

June 2025
S M T W T F S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *