छत्तीसगढ़ : कर्मचारी संघ ने बजट में 12 सूत्री मांगों को शामिल करने की मांग की

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जे.के. मिश्र, जिला ब्यूरो चीफ, नवभारत टाइम्स 24×7, बिलासपुर

बिलासपुर :  छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार से आगामी 3 मार्च को प्रस्तुत होने वाले बजट में महंगाई भत्ता सहित 12 सूत्री मांगों को शामिल करने की मांग की है। संघ के प्रांत अध्यक्ष जी. आर. चंद्रा ने बताया कि राज्य के कर्मचारी एवं पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता तथा अन्य मांगों को लेकर 17 जनवरी 2025 को प्रदेशभर में सभी जिलों के कलेक्टरों के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा गया था।

कर्मचारियों में आक्रोश, सरकार से शीघ्र निर्णय की अपील

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव पूर्व ‘मोदी गारंटी’ के तहत किए गए वादों के अनुरूप अब तक निर्णय नहीं लिया गया, जिससे प्रदेश के कर्मचारियों में हताशा एवं आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने बताया कि ट्रिपल इंजन सरकार बनने के बाद महिला, किसान और विभिन्न संवर्गों के लिए जनहित में आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन अब तक राज्य के कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया है।

ये हैं प्रमुख 12 सूत्री मांगे:

1. महंगाई भत्ता – केंद्र सरकार के समान दिया जाए।

2. चार स्तरीय वेतनमान लागू किया जाए।

3. 300 दिनों का अर्जित अवकाश स्वीकृत किया जाए।

4. सभी संवर्ग के कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए।

5. लंबित पदोन्नति प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाए।

6. संविदा, दैनिक एवं अनियमित कर्मचारियों के रिक्त पदों को नियमित किया जाए।

7. मध्यप्रदेश की तर्ज पर सेवा सुरक्षा एवं श्रम सम्मान निधि का आदेश जारी किया जाए।

8. अनुकंपा नियुक्ति के स्वीकृत पदों पर 10% का नियम शिथिल किया जाए।

9. संघों को स्थायी मान्यता दी जाए, जैसा कि मध्यप्रदेश में लागू है।

10. शासकीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना में सुधार किया जाए।

11. स्वास्थ्य सुविधा एवं बीमा योजनाओं में सुधार किया जाए।

12. शासन स्तर पर नियमित बैठकें कर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किया जाए।

संघ की चेतावनी – बजट में शामिल न होने पर करेंगे आंदोलन

संघ ने स्पष्ट किया कि यदि 3 मार्च को पेश होने वाले बजट में इन मांगों को शामिल नहीं किया गया, तो राज्यभर के सरकारी कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

प्रदेश अध्यक्ष जी. आर. चंद्रा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए बजट में इन्हें शामिल करे, ताकि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो सके।

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Author: Deepak Mittal

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