
बिलासपुर: कोरबा जिले के पोडी उपरोड़ा तहसील के ग्राम पंचायत सुतरा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति को लेकर एक रोचक मामला सामने आया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने आवेदन पत्र मंगाए थे, जिनमें सरस्वती मरावी ने अपने शैक्षिक योग्यता और आवश्यक प्रमाण पत्र जमा किए थे।
सरस्वती मरावी ने 10वीं और 12वीं में अच्छे अंक प्राप्त किए थे और उनके पास सभी आवश्यक प्रमाण पत्र थे। वहीं, रानू बिंझवार के अंक उनसे कम थे। फिर भी रानू को नियुक्ति दी गई, जिससे सरस्वती मरावी ने नाराज होकर कलेक्टर के समक्ष अपील की। कलेक्टर ने सरस्वती के पक्ष में फैसला सुनाया और उन्हें नियुक्ति देने का आदेश दिया।
रानू बिंझवार ने इस आदेश को कमिश्नर कोर्ट में चुनौती दी, जहां कमिश्नर ने कलेक्टर के आदेश को निरस्त कर रानू को नियुक्ति देने का आदेश दिया।
सरस्वती मरावी ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से दायर याचिका पर जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि योग्यता के आधार पर नियुक्ति दी जानी चाहिए और सरस्वती मरावी अधिक योग्य हैं।
कोर्ट ने कमिश्नर के आदेश पर रोक लगाते हुए सरस्वती मरावी के पक्ष में नियुक्ति का आदेश जारी करने का निर्देश दिया। साथ ही, सचिव महिला बाल विकास विभाग और कमिश्नर बिलासपुर संभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
