थायराइड की समस्या आजकल आम होती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि योगाभ्यास थायराइड ग्रंथि के कार्य को बेहतर बनाने और इसके लक्षणों को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। नियमित रूप से किए गए योगासन और प्राणायाम थायराइड रोगियों के लिए प्राकृतिक उपचार की तरह कार्य करते हैं।
थायराइड रोगियों के लिए उपयोगी प्रमुख योगासन:
सर्वांगासन (Sarvangasana): जिसे शोल्डर स्टैंड भी कहा जाता है। यह आसन थायराइड और पैराथायराइड ग्रंथियों को उत्तेजित करता है।
हलासन (Halasana): प्लो पोज के नाम से प्रसिद्ध यह आसन गर्दन और रीढ़ को खिंचाव देता है, जिससे थायराइड पर सकारात्मक असर होता है।
मत्स्यासन (Matsyasana): फिश पोज छाती और गले को फैलाकर थायराइड ग्रंथि को आराम पहुंचाता है।
उष्ट्रासन (Ustrasana): कैमल पोज छाती और गले को खोलता है, जिससे ग्रंथि की सक्रियता बढ़ती है।
सिंहासन (Simhasana): लायन पोज गले और चेहरे की मांसपेशियों को मजबूत कर रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar): यह संपूर्ण योगाभ्यास शरीर को ऊर्जावान बनाता है, लचीलापन बढ़ाता है और थायराइड की कार्यप्रणाली को बेहतर करने में सहायक होता है।
योग विशेषज्ञ रश्मि शुक्ला का कहना है कि इन आसनों का नियमित अभ्यास न केवल थायराइड रोगियों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह मानसिक तनाव को भी कम करता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को मजबूत करता है।









Author: Deepak Mittal










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