कोलकाता में ‘भारत बंद’ रैली के बीच, एक बस को रास्ता देने के लिए सड़क जाम कर रहे वामपंथी दलों के यूनियनों के कार्यकर्ताओं को कोलकाता पुलिस हटाती हुई। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है और आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ऐसे आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है जो श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं।
केरल के कोझिकोड में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की तरफ से बुलाए गए ‘भारत बंद’ का प्रभाव दिखा।
झारखंड में अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रव्यापी ‘भारत बंद’ के दौरान रांची में सीएमपीडीआई मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल का जिले की परिवहन सेवाओं पर आंशिक असर दिखाई दिया। जहां सुबह करीब 7:30 तक बस अड्डे से भी कुछ बचे यात्रियों को लेकर निकलती रही तो वही दर्जनों बसें विभिन्न रूटों के लिए पुलिस लाइन से भी निकाली गई। यहां कब देर शाम को ही गरीब 50 बच्चे खड़ी कर दी गई थी ताकि उन्हें लंबे रूटों पर भेजा जा सके। हालांकि यहां से सभी बसें नहीं निकली जा सकी लेकिन प्रशासन दर्जनों बसों को रूटों पर उतरने में सफल रहा। डिपो महाप्रबंधक से लेकर अन्य अधिकारी भी कभी बस अड्डे पर तो कभी पुलिस लाइन में बच्चे निकलवाने के लिए घूमते रहे वहीं कुछ कर्मचारी रोष भी जताते रहे।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और विभिन्न कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर बुधवार को जिले में विभिन्न विभागों के नियमित, अनुबंधित कर्मचारी और मजदूर हड़ताल शुरू कर दी हैं। इसका परिवहन सेवाओं पर असर नहीं दिखा। प्रतिदिन की तरह रोडवेज की बसे निर्धारित रूट पर चली। सुबह के समय दिल्ली, चंडीगढ़ सहित अधिकतर रूट पर बसे गई और दूसरे डिपो से भी बसे झज्जर आई। सुबह चार बजे से ही यूनियन के सदस्य बस स्टैंड पहुंच गए थे और उन्होंने बस स्टैंड परिसर में धरना शुरू कर दिया हैं। कर्मियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। वहीं अन्य संगठन भी अनाज मंडी में एकत्रित होंगे। यहां बैठक कर शहर में रोष प्रदर्शन करेंगे।
पानीपत में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल रही। रोडवेज, नगर निगम और बिजली निगम सहित सभी वि भागों में कर्मचारी सुबह ही हड़ताल पर बैठ गए। रोडवेज में संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। यूनियन ने पहले चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी लेकिन यह बेअसर रही। पानीपत डिपो की 124 में से करीब 100 बस सड़क पर चली। वहीं सभी विभागों के कर्मचारी 11 बजे लाल बत्ती पर एकत्रित होंगे और यहां से प्रदर्शन करते हुए जिला सचिवालय पर पहुंचेंगे।
हरियाणा में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और कर्मचारी संघों के आह्वान पर बुधवार को कर्मचारी व मजदूर संगठन हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदेश के 40 से अधिक विभागों के कर्मचारियों के अलावा 55 बोर्ड और निगमों के अधिकतर कर्मचारी और संगठनों के पदाधिकारी हड़ताल में शामिल हैं। हालांकि हड़ताल का असर मिला जुला रहा।
कोलकाता में जादवपुर 8बी बस स्टैंड के पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं बस चालकों ने सुरक्षा के लिए हेलमेट पहना है। क्योंकि ‘भारत बंद’ के बावजूद जादवपुर में निजी और सरकारी बसें चल रही हैं। ‘भारत बंद’ का आह्वान 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार ऐसे आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है जो श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं। ‘बंद’ के तहत, राज्य की तरफ से संचालित सार्वजनिक परिवहन, सरकारी कार्यालय, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां, बैंकिंग और बीमा सेवाएं, डाक संचालन, कोयला खनन और औद्योगिक उत्पादन जैसे क्षेत्र प्रभावित होने की संभावना है।
जादवपुर में एक बस ड्राइवर ने कहा, ‘ये लोग सही बात कह रहे हैं (भारत बंद का जिक्र करते हुए), लेकिन हमें अपना काम करना है। हम मजदूर हैं, इसलिए हम बंद का समर्थन करते हैं… हमने हेलमेट इसलिए पहना है ताकि कुछ होने पर हम सुरक्षित रहें।’
पश्चिम बंगाल में कोलकाता पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की तरफ से लगाए आग बुझाने की कोशिश करते हुए। वामपंथी दलों के यूनियनों ने 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से बुलाए गए ‘भारत बंद’ में भाग लिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है जो श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं।
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सरकारी बसों के चालक एहतियात के तौर पर हेलमेट पहनते हैं, क्योंकि 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है।
तमिलनाडु में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से बुलाए गए ‘भारत बंद’ के बावजूद चेन्नई में बस सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं। ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार पर ‘कॉर्पोरेट समर्थक’ नीतियों को लागू करने का आरोप लगाया है। चेन्नई कोयम्बेडु बस स्टैंड से सामान्य तस्वीरें सामने आई है, जहां बस सेवाएं जारी हैं।
बिहार में राजद की छात्र शाखा के सदस्यों ने 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगियों के संयुक्त मंच की तरफ बुलाए गए ‘भारत बंद’ का समर्थन करते हुए जहानाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचकर प्रदर्शन किया।
पश्चिम बंगाल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगियों के संयुक्त मंच की तरफ से बुलाए गए ‘भारत बंद’ का सिलीगुड़ी में असर दिखा। सरकारी बसों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है।
कोलकाता में वामपंथी दलों के यूनियन ने जादवपुर में पैदल मार्च निकालकर ‘भारत बंद’ में भाग लिया। इस ‘बंद’ का आह्वान 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से किया गया, जिनका आरोप है कि केंद्र सरकार ऐसे आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है जो श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं।
आज स्कूल, कॉलेज और प्राइवेट ऑफिस खुले रहने की उम्मीद है। हालांकि, परिवहन संबंधी समस्याओं के कारण कई क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित हो सकता है। वहीं ट्रेड यूनियनों और सहयोगी ग्रुप की ओर से कई शहरों में विरोध मार्च और सड़क प्रदर्शन किए जाने से सार्वजनिक बसें, टैक्सियां और ऐप-आधारित कैब सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। इससे स्थानीय यात्रा और लॉजिस्टिक्स संचालन में देरी या रद्द होने की संभावना है।
- ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू)
- ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी)
- इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आईएनटीयूटी)
- सेल्फ एम्प्लॉयड वीमेंस एसोसिएशन (एसईडब्ल्यूए)
- ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूटी)
- सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीआईटीयू)
- ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी)
- यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूटी)
- लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ)
- हिंद मजदूर सभा (एचएमएस)
इस हड़ताल से कई क्षेत्रों पर असर पड़ने की उम्मीद है। इनमें बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, डाक विभाग, कोयला खनन और कारखाने, राज्य परिवहन सेवाएं, सरकारी कार्यालय शामिल हैं। बता दें कि, एनएमडीसी और स्टील व खनिज क्षेत्रों की कई सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने की पुष्टि की है। वहीं हिंद मजदूर सभा ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के उद्योगों और सेवाओं में मजबूत भागीदारी देखने को मिलेगी।
ट्रेड यूनियनों का दावा है कि उनकी चिंताओं को लगातार नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने पिछले साल श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया को 17 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा था, लेकिन उनका कहना है कि इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। जबकि यूनियन फोरम ने कहा कि सरकार ने देश की कल्याणकारी राज्य की स्थिति को त्याग दिया है। यह विदेशी और भारतीय कंपनियों के हित में काम कर रही है। यह उन नीतियों से स्पष्ट है जिनका सख्ती से पालन किया जा रहा है।
10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों के एक संयुक्त मंच ने आज देशव्यापी ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। यह ‘बंद’ केंद्र सरकार की “मज़दूर-विरोधी, किसान-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी, कॉर्पोरेट-समर्थक नीतियों” के विरोध में है। बैंकिंग, परिवहन, डाक सेवाओं, खनन और निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के 25 करोड़ से ज्यादा मजदूरों और ग्रामीण मज़दूरों के आज भारत बंद में शामिल होने की उम्मीद है।
