रायगढ़ : संदिग्ध हालात में युवक की मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका – न्याय के लिए भटकने को मजबूर परिजन…

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शैलेश शर्मा 9406308437नवभारत टाइम्स 24×7.in जिला ब्यूरो रायगढ़

रायगढ़ :  रायगढ़ शहर के बोईरदादार निवासी राजू मिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रही, जिससे वे न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। मृतक के बड़े भाई विजय मिरी ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।

हत्या या दुर्घटना? गहरे जख्मों ने खड़े किए सवाल :

राजू मिरी का शव जोएमजे अस्पताल और सूर्य विहार कॉलोनी के बीच स्थित नाले के पुल पर संदिग्ध हालत में मिला था। शव पर गहरे जख्म, दाहिने कंधे पर 5-6 इंच का गहरा घाव, और पसली-कंधे पर भारी वाहन के टायर के निशान मिले हैं। परिजनों का दावा है कि यह दुर्घटना नहीं, बल्कि साजिशन की गई हत्या है।

संदिग्धों पर हत्या का शक, मोबाइल टॉवर लोकेशन से खुल सकता है राज :

परिजनों के अनुसार, संजय कोसले, अनिल बरगति और शिवा यादव मृतक को उसकी दुकान से बुलाकर ले गए थे। इसके बाद रात 8-9 बजे के बीच उसकी मौत की खबर मिली। परिजनों ने मांग की है कि इन तीनों संदिग्धों की मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल निकाली जाए ताकि सच सामने आ सके।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में देरी, पुलिस पर लापरवाही के आरोप :

परिजनों का आरोप है कि 6 मार्च 2025 को उन्होंने थाना प्रभारी चक्रधर नगर और पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी थी, लेकिन दो हफ्ते बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने अभी तक संदिग्धों से पूछताछ नहीं की, न ही मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट परिवार को सौंपी गई।

न्याय के लिए दर-दर भटक रहे परिजन :

पुलिस कार्रवाई में देरी से नाराज मृतक के बड़े भाई विजय मिरी और अन्य परिजन लगातार सीएसपी ऑफिस और थाने के चक्कर काट रहे हैं। हर बार उन्हें “आज आओ, कल आओ” कहकर टाल दिया जाता है।

उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग :

परिजनों ने मृतक की तस्वीरें और सीसीटीवी फुटेज के साथ उच्च अधिकारियों से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता से जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिले। उनका कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

क्या मिलेगा न्याय, या यूं ही दबा दिया जाएगा मामला?

अब देखना यह होगा कि पुलिस इस गंभीर मामले में जल्द कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं। परिजनों की उम्मीदें अब पुलिस अधीक्षक और उच्च अधिकारियों पर टिकी हैं। क्या न्याय मिलेगा या यह मामला भी दबा दिया जाएगा? यह सवाल अभी भी बना हुआ है।

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Author: Deepak Mittal

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