मुंबई में एक शख्स ने अपने बेटे की इसलिए बेरहमी से हत्या कर दी, क्योंकि उसने उसकी दूसरी पत्नी को मां कहने से इनकार कर दिया था. ये मामला साल 2018 का है. छह साल बाद अदालत ने इस मामले में हत्यारे पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई है.
मृतक की मां ने अपने पति के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस डी तौशीकर ने आरोपी सलीम शेख को हत्या का दोषी ठहराया. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने सफलतापूर्वक साबित कर दिया है कि उसने अपने बेटे की हत्या का जुर्म किया है. पीड़ित की मां द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, यह घटना अगस्त 2018 में हुई थी.
हत्यारे सलीम शेख का अपने बेटे इमरान के साथ झगड़ा हुआ था. इमरान ने सलीम की दूसरी पत्नी को मां कहने से इनकार कर दिया था. झगड़े ने तब भयानक रूप ले लिया जब शेख ने अपने बेटे पर जानलेवा हमला करना शुरू कर दिया. इस दौरान पीड़िता तेजी से थाने की तरफ भागा, ताकि उसकी जान बच जाए.
दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में स्थित घर से भागते समय सलीम ने इमरान का पीछा किया. उस पर कैंची से जानलेवा हमला कर दिया. शिकायत में कहा गया है कि पीड़ित को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया. सलीम के वकील ने दावा किया कि इमरान नशे में था. उसने धारदार हथियार से खुद को घायल किया था.
बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित के शरीर पर कुछ चोटें खुद उसने ही लगाई थीं. हालांकि, अदालत ने दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि यदि पीड़ित ने आत्महत्या का प्रयास किया होता तो उसकी मां मदद के लिए पुलिस स्टेशन नहीं जाती. इसके सबूत थाने में मौजूद हैं.
अदालत ने यह भी कहा कि यदि इमरान ने खुदकुशी की होती, तो उसका पिता घटनास्थल से भागने के बजाय उसके साथ रहता और उसे अस्पताल में भर्ती कराता. दूसरे गवाह ने भी पिता-पुत्र के बीच झगड़े के बारे में बताया था और उनकी मौखिक गवाही ने मेडिकल साक्ष्य की पुष्टि भी की थी.
इसे दुर्लभतम मामला बताते हुए अभियोजन पक्ष ने आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग की थी. हालांकि, अदालत ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित रेयरेस्ट ऑफ द रेयर श्रेणी में फिट नहीं बैठता. इसलिए समग्र परिस्थितियों पर विचार करते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा दी गई.बेंगलुरु के होटल में एक व्यक्ति ने प्रेमिका का बेरहमी से किया मर्डर, भागने से पहले पूरा दिन उसकी लाश के साथ बिताया