निजी स्कूल प्रबंधन किसी स्थान विशेष से किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए नहीं करें बाध्य

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कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने निजी स्कूल संचालकों की बैठक लेकर दिए सख्त निर्देश, कहा-उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

शैलेश शर्मा 9406308437 नवभारत टाइम्स 24×7.in जिला ब्यूरो रायगढ़

रायगढ़/ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने रायगढ़ जिले के निजी स्कूल संचालकों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि स्कूल बच्चों पर किसी विशेष पब्लिकेशन की किताब या किसी खास दुकान से ही किताब खरीदने का दबाव नहीं बनाया जाए।

स्कूली छात्रों या पालकों पर किताबों को लेकर किसी प्रकार का अनावश्यक आर्थिक बोझ नहीं डाला जाए। कक्षा दसवीं तक सीबीएसई के लिए एनसीइआरटी और छत्तीसगढ़ बोर्ड के लिए एससीइआरटी की किताबें स्कूलों में पढ़ाई जाएं।

कक्षा ग्यारवीं और बारहवीं मे छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यदि अतिरिक्त किताबें लेनी हैं तो वह सुझाव के रूप में बताया जाए, उसे खरीदना अनिवार्य न किया जाए।

किसी स्कूल द्वारा यदि इस प्रकार की अनावश्यक शर्तें रखीं जाती हैं तो उसे संज्ञान में लेते हुए स्कूल को संचालन के लिए मिली मान्यता के प्रावधानों के विपरीत मानकर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कलेक्टर चतुर्वेदी ने यह बातें निजी स्कूल संचालकों और प्राचार्यों की गुरुवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में स्पष्ट की।

बैठक में जिला शिक्षाधिकारी के. वेंकट राव भी शामिल हुए।
कलेक्टर चतुर्वेदी ने निजी स्कूल संचालकों से कहा कि आज पालक आपके द्वारा तय की फीस देकर अपने बच्चों को आपके स्कूलों में इसलिए पढ़ा रहे हैं क्योंकि वे अपने बच्चों का अच्छा भविष्य चाहते हैं। ऐसे में यह आपका नैतिक दायित्व है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। इसके लिए आवश्यक है कि स्कूल में स्टडी फ्रेंडली माहौल के साथ ही उन पर किसी अन्य प्रकार का अनावश्यक वित्तीय बोझ न डाला जाए।

इसी प्रकार उन्होंने स्कूली यूनिफॉर्म खरीदने को लेकर कहा कि छात्रों को सुझाव दिया जा सकता है, लेकिन किसी स्थान विशेष से खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाए। पालकों के पास अपनी सुविधानुसार किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने की स्वतंत्रता हो। सभी स्कूल प्रबंधन स्पष्ट रूप से यह समझ लें कि किताब और यूनिफॉर्म आपके स्कूल संचालन के अनुशासन की दृष्टि से उठाए गए कदम होने चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार का वित्तीय लाभ अर्जन का उद्देश्य स्कूलों का नहीं होना चाहिए।


कलेक्टर चतुर्वेदी ने स्कूलों से शासन द्वारा निर्धारित समय सारणी और शेड्यूल के अनुसार स्कूलों का संचालन करने के निर्देश दिए। कई बार पालकों की यह शिकायत होती है कि शासन ने अवकाश घोषित किया है लेकिन स्कूल ने बच्चों को छुट्टी नहीं दी है। ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही बैठक में आरटीई के तहत प्रवेश तथा राशि भुगतान के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में जिले के निजी स्कूलों के प्राचार्य और संचालक उपस्थित रहे।


स्कूली परिणामों की समीक्षा
कलेक्टर चतुर्वेदी ने ऐसे निजी स्कूल जो छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं और उनका परीक्षा परिणाम खराब है उसकी विशेष रूप से समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे निजी स्कूल फीस लेने के बाद भी बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं, उनकी रिपोर्ट तैयार करें तथा आगामी शिक्षा सत्रों में मान्यता नवीनीकरण में इस बिंदु को विशेष रूप से संज्ञान में लिए जाए।


स्कूली वाहनों के फिटनेस की करवाएं नियमित जांच, लापरवाही पर स्कूल प्रबंधन पर तय होगी जिम्मेदारी
स्कूलों को अपने वाहनों के फिटनेस की नियमित जांच कराने और गाडिय़ों को अच्छे से मेंटेन कर के रखने के निर्देश कलेक्टर चतुर्वेदी ने दिए। उन्होंने कहा कि स्कूली वाहनों में परिवहन के दौरान ट्रैफिक नियमों और सुरक्षा के प्रावधानों का समुचित ध्यान रखा जाए। गाडिय़ों के रख-रखाव में लापरवाही से किसी भी प्रकार की दुर्घटना या हादसा होता है तो इसके लिए संबंधित स्कूल प्रबंधन पर जिम्मेदारी तय होगी।

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