उन्होंने कहा कि एक समय था जब पूर्वोत्तर को केवल सीमांत कहा जाता था लेकिन अब यह विकास में अग्रणी है और वह क्षेत्र अभूतपूर्व प्रगति देख रहा है। हमारा फोकस पूर्वोत्तर के युवाओं के भविष्य पर है। इसलिए हमने एक के बाद एक शान्ति समझौते किए। युवाओं को विकास की मुख्यधारा में आने का अवसर दिया। पूर्वोत्तर पहले बम, बंदूक और रॉकेट का पर्याय था जिसने वहां के युवाओं से बहुत से अवसर छीन लिए लेकिन पिछले दशक में पूर्वोत्तर में 10,000 से अधिक युवाओं ने हिंसा छोड़ दी है।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दशक में पूर्वोत्तर में शिक्षा क्षेत्र में 21,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है। 700 से ज्यादा बार हमारे केंद्र सरकार के मंत्री पूर्वोत्तर गए हैं।
उन्होंने उस मिट्टी को महसूस किया, लोगों की आंखों में उम्मीद देखी और उस भरोसे को विकास की नीति में बदला।चाहे आतंकवाद हो या नक्सलवाद, हमारी सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है।
अधिकारियों ने बताया कि शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र को अवसरों की भूमि के रूप में पेश करना, वैश्विक और घरेलू निवेश को आकर्षित करना और प्रमुख हितधारकों, निवेशकों और नीति-निर्माताओं को एक मंच पर लाना है।
