जे के मिश्र / बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नवीन पदस्थापना आदेशों को लेकर तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री गजेंद्र श्रीवास्तव ने इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए इसके खिलाफ विरोध दर्ज कराया है।
आदेश को बताया असंवैधानिक
25 नवंबर 2024 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश (पत्र क्रमांक एफ-01-01/2024/एक/6) के तहत शासकीय सेवकों को स्थानांतरण के बाद नए पदस्थापना स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। संघ ने इस आदेश को शासकीय सेवकों के हितों के विपरीत और असंवैधानिक करार दिया है।
मानवीय संवेदनाओं की अनदेखी का आरोप
प्रदेश महामंत्री का कहना है कि स्थानांतरण प्रक्रिया का पालन हर कर्मचारी करता है, लेकिन जब नियमों का निर्माण शासकीय सेवकों की स्थिति और मानवीय संवेदनाओं को नजरअंदाज करते हुए किया जाए, तो यह अस्वीकार्य हो जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का यह आदेश कर्मचारियों के अधिकारों का हनन करता है और इसे लागू करना अनुचित होगा।
संघ करेगा कड़ा विरोध
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने इस आदेश के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का ऐलान किया है। संघ का कहना है कि सरकार को इस प्रकार के आदेश जारी करने से पहले कर्मचारियों के हितों और उनके समर्पण को ध्यान में रखना चाहिए। संघ जल्द ही इस मामले में आगे की रणनीति तय करेगा।
कर्मचारी संघ की मांग
संघ ने शासन से अपील की है कि इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए और स्थानांतरण व पदस्थापना के नियमों को कर्मचारियों की वास्तविक समस्याओं और उनके मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया जाए।
यह मामला कर्मचारियों में असंतोष बढ़ा रहा है, और अब सबकी नजर सरकार की आगे की कार्रवाई पर टिकी है।