जे के मिश्र जिला ब्यूरो चीफ नवभारत टाइम्स,24*7in बिलासपुर
बिलासपुर रतनपुर से पेंड्रा तक बन रही नेशनल हाईवे की सड़क पर निर्माण कार्य बिना किसी सूचना पट्ट और संकेतक बोर्ड के किया जा रहा है। इससे स्थानीय नागरिकों और वाहन चालकों को भारी असुविधा और खतरे का सामना करना पड़ रहा है। निर्माण स्थल पर कार्य शुरू करने से पहले सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य होता है, लेकिन इस नियम की अनदेखी करते हुए विभाग ने यह प्रक्रिया नहीं अपनाई।
कार्यस्थल पर पारदर्शिता का अभाव
निर्माण से जुड़ी जानकारी जैसे सड़क की लंबाई, स्वीकृत राशि, ठेकेदार का नाम, कार्यपालन अधिकारी का विवरण आदि मौके पर नहीं दर्शाया गया है। आमतौर पर ऐसे बोर्ड पर परियोजना से जुड़ी हर जानकारी प्रदर्शित की जाती है, जिससे लोगों को निर्माण की गुणवत्ता और प्रगति पर नजर रखने में सहूलियत होती है। लेकिन यहां न तो बोर्ड है, न ही कोई ज़िम्मेदार अधिकारी जानकारी देने के लिए मौजूद है।
सड़क पर नहीं हैं संकेतक बोर्ड, बढ़ रहा हादसों का खतरा
निर्माण के दौरान सड़क पर चेतावनी या दिशा दर्शाने वाले संकेतक बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं, जिससे वाहन चालकों को निर्माण क्षेत्र की स्थिति की जानकारी नहीं मिल पा रही। इससे हादसों की आशंका कई गुना बढ़ गई है। रोजमर्रा के यात्री, राहगीर और ग्रामीण निर्माण स्थल के पास बिना जानकारी के गुजरते हैं और खतरे में पड़ते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी?
नेशनल हाईवे विभाग के इंजीनियर शर्मा ने जानकारी दी कि जिस स्थान पर सड़क बन रही है, वहां सूचना बोर्ड लगाने की उचित जगह नहीं है, इसी कारण बोर्ड नहीं लगाया गया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित ठेकेदार को निर्देश दिए गए हैं कि आसपास किसी उपयुक्त स्थान पर बोर्ड लगाया जाए।
जल्द सुधार की आवश्यकता
स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में जिस तरह से पारदर्शिता का अभाव है, वह चिंताजनक है। यदि प्रशासन समय रहते हस्तक्षेप नहीं करता, तो निर्माण के दौरान होने वाले हादसे और अधिक बढ़ सकते हैं। लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि निर्माण स्थल पर तुरंत सूचना बोर्ड और संकेतक लगाए जाएं ताकि दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके।
निष्कर्ष: सड़क निर्माण जैसी महत्वपूर्ण योजना में पारदर्शिता और सुरक्षा मापदंडों का पालन अत्यंत आवश्यक है। प्रशासन को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए।
