नव भारत टाइम्स 24 x 7 के ब्यूरो चीफ जे.के. मिश्रा की रिपोर्ट
बिलासपुर : प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को उनके काम के अनुसार पारिश्रमिक दिये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में उन्हें प्रतिदिन 60 से 75 रुपये का पारिश्रमिक मिलता है, जो आज के समय में अपर्याप्त माना जा सकता है। इसी मुद्दे को उठाते हुए पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। पूर्व गृह मंत्री ने अधिवक्ता संजय कुमार अग्रवाल के माध्यम से यह याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को उनके श्रम के अनुसार पारिश्रमिक दिये जाने का नियम है, लेकिन यह पारिश्रमिक वर्षों से नहीं बढ़ाया गया है, जिससे वर्तमान परिस्थतियों में यह नाकाफी साबित हो रहा है।
पूर्व गृह मंत्री का कहना है कि बंदियों को कलेक्टर दर पर मेहनताना मिलना चाहिए, जिससे वे अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकें। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई। पिछली सुनवाई के दौरान राज्य शासन का जवाब प्रस्तुत नहीं हो सका था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें विधिवत जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
इस जनहित याचिका के माध्यम से यह मांग की गई है कि बंदियों को समुचित पारिश्रमिक दिया जाए, जिससे उन्हें समाज में पुनर्वास के लिए प्रोत्साहन मिल सके और वे अपने भविष्य को बेहतर बना सकें। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य शासन इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष किस प्रकार प्रस्तुत करता है।

Author: Deepak Mittal
