जर्जर शाला भवन में जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर..

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पतरापारा विरसिंघा के छात्र प्रधानमंत्री आवास में कर रहे पढ़ाई..


शैलेश शर्मा 9406308437नवभारत टाइम्स 24×7.in जिला ब्यूरो रायगढ़

रायगढ़!लैलूंगा विकास खण्ड के प्राथमिक शाला पतरापारा विरसिंघा की हालत बद से बदतर हो गई है। विद्यालय भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है, जिससे छात्र-छात्राएं अब प्रधानमंत्री आवास में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो वर्षों से लगातार संबंधित अधिकारियों को लिखित आवेदन दिए गए हैं,लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

अधिकारियों की उदासीनता से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है वही शिक्षकों का भी कहना है कि शाला भवन की स्थिति काफी जर्जर है कभी भी हादसा हो सकता है परंतु कोई आप्शन नहीं मिलने से मजबूरन जर्जर भवन में स्कूल संचालित की जा रही है छात्रों के साथ शिक्षकों को भी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने मजबूर है ।

हमें डर लगता है स्कूल जाने से लेकिन क्या करे पढ़ना भी है

छात्रों का कहना है कि हमें स्कूल में पढ़ने जाने से डर लगता है क्योंकि वहां की दीवारों और छत से बड़ी-बड़ी परतें गिरती हैं और बारिश में पानी टपकता है। भवन पूरी तरह से जर्जर है कब क्या हो जाएगा कहा नहीं जाता डरे सहमे हमें पढ़ाई करना पड़ता है पढ़ाई से ज्यादा स्कूल की छत और दीवारों में नजर और दिमाग रहता है ।

कही कुछ हो न जाए जिससे हमारी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है वही शिक्षकों का कहना है कि वे बच्चों की सुरक्षा को लेकर हर दिन चिंतित रहते हैं। प्रधानमंत्री आवास में पढ़ाई का वैकल्पिक प्रबंध किया गया है,लेकिन वहां न तो पर्याप्त जगह है और न ही आवश्यक सुविधाएं ऐसे स्थिति में छात्रों को पढ़ाना अपने आप चुनौतीपूर्ण है

अब सवाल यह है कि आखिर बच्चों की शिक्षा और जान की कीमत पर कब तक लापरवाही बरती जायेगी..
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से जल्द से जल्द नए भवन के निर्माण की मांग की है।

ऐसा मामला केवल बिरसिंघा का ही नहीं बल्कि लैलूंगा ब्लॉक के दर्जनों गांव में स्कूलों के ऐसा हालत है परंतु विभागीय अनदेखी के कारण छात्रों सहित शिक्षकों को भी दंश झेलना पड़ रहा है सरकारी स्कूल में बच्चो की संख्या कम होने का एक कारण यह भी है आखिर डर के साए में कौन अपने बच्चे को पढ़ने भेजेगा सरकार किसी की भी स्कूलों की स्थिति में सुधार नहीं हो पाया।

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