प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को बंगलूरू स्थित एक रियल एस्टेट कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ छापेमारी की। इन प्रमोटरों पर अपने आवासीय प्रोजेक्ट में फ्लैट बेचने के नाम पर घर खरीदारों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बंगलूरू और मुंबई में ओजोन अर्बाना डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमुख प्रबंधन कर्मियों के कम से कम 10 परिसरों पर छापेमारी की गई। समूह के मुख्य प्रमोटर सत्यमूर्ति वासुदेवन हैं।
कंपनी और प्रमोटर्स के खिलाफ मामला दर्ज
बंगलूरू के देवनहल्ली तालुका में ओजोन अर्बाना नामक एक आवासीय परियोजना से संबंधित कई पुलिस एफआईआर दर्ज होने के बाद ईडी ने कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह एकीकृत टाउनशिप परियोजना 2018 में खरीदारों को सौंपी जानी थी। सूत्रों ने बताया कि 2024 तक परियोजना का केवल 49 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है।
कंपनी खरीदारों को पैसे भी नहीं लौटा पाई
उन्होंने दावा किया कि कंपनी परियोजना सौंपने में नाकाम रही। इसके अलावा कंपनी खरीदारों को पैसे भी नहीं लौटा पाई। आरोप है कि आरोपी कंपनी और उसके प्रमुख प्रबंधन कर्मियों ने परियोजना पूरी होने तक घर खरीदने के लिए ली गई बैंक ईएमआई का भुगतान करने का वादा करके भोले-भाले घर खरीदारों को धोखा दिया। कंपनी ने कई खरीदारों को बुकिंग के लिए पूरी राशि अग्रिम भुगतान करने पर भारी छूट देने का भी वादा किया और कथित तौर पर उन्हें बायबैक योजना का भी लालच दिया।
धोखाधड़ी और गबन का आरोप
ईडी सूत्रों ने बताया कि आरोप है कि कंपनी के निदेशकों ने सामूहिक रूप से खरीदारों के साथ सैकड़ों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की और धन का गबन किया।
