ताजा खबर
भ्रामरी प्राणायाम: मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान, न्यूरोसाइंस भी कर रहा समर्थन “दल्ली राजहरा में आवारा कुत्तों का कहर – रवि सहारे ने नगर पालिका को घेरा, मांगा बंध्याकरण पर जवाब” शादी न होने की झुंझलाहट में शिव मंदिर में तोड़फोड़ करने वाला आरोपी गिरफ्तार गौ-तस्करी का ‘सीक्रेट रूट’ उजागर! अंतर्राज्यीय गिरोह पर छापा, 6 गिरफ्तार – महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में फैला था नेटवर्क “सौरभ लुनिया बने बालोद जिला भाजपा के महामंत्री, दल्लीराजहरा में जश्न का माहौल – स्वागत रैली, मिठाइयों और पटाखों से गूंज उठा शहर” सूरजपुर पुलिस की छात्रों से अपील , अभिभावकों को बताएं यातायात नियम, खुद भी बनें जागरूक नागरिक

छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा मुआवजा घोटाला! बजरमुड़ा में ‘कोल ब्लॉक’ के नाम पर 100 करोड़ की ज़मीन का मुआवजा 415 करोड़, जांच में खुला फर्जीवाड़े का जाल – अब जिम्मेदारों पर FIR के आदेश…

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

शैलेश शर्मा 9406308437नवभारत टाइम्स 24×7.in जिला ब्यूरो रायगढ़

रायगढ़। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी (CSPGCL) को आवंटित गारे-पेलमा सेक्टर-3 कोल ब्लॉक में इतिहास का सबसे बड़ा मुआवजा घोटाला सामने आया है। रायगढ़ जिले के बजरमुड़ा गांव में महज 100 करोड़ से भी कम कीमत की जमीन पर 415.69 करोड़ का मुआवजा पारित कर दिया गया। गड़बड़ी की परतें खुलीं, तो जांच रिपोर्ट में मुआवजा गणना में अंधाधुंध हेराफेरी, नकली आंकड़े, और साजिशन मूल्यांकन की पुष्टि हुई।

महीनों बाद अब प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए दोषियों पर नामजद एफआईआर के आदेश दिए हैं। लारा कांड के बाद रायगढ़ का सबसे बड़ा सुनियोजित घोटाला गणना के समय जिन जमीनों की असली कीमत 20 लाख थी, उनका मुआवजा बीस करोड़ तक पहुंचा दिया गया। असिंचित भूमि को सिंचित, टिन शेड को पक्का भवन, घास के मैदानों में हजारों पेड़, और पोल्ट्री फार्म, बरामदा, कुएं जैसे ढांचे दिखाकर अरबों का मुआवजा बना दिया गया। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अधिकारियों ने सरकार को जानबूझकर आर्थिक नुकसान पहुंचाया।

इन अधिकारियों पर दर्ज होगी एफआईआर : पूर्व कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने तबादले से पहले SDM घरघोड़ा को स्पष्ट आदेश दिया कि घोटाले के दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। आदेश में जिन नामों का उल्लेख है, वे हैं:

  • तत्कालीन SDM अशोक कुमार मार्बल
  • तहसीलदार बंदेराम भगत
  • RI मूलचंद कुर्रे
  • पटवारी जितेंद्र पन्ना
  • PWD सब इंजीनियर धर्मेंद्र त्रिपाठी
  • वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी संजय भगत
  • बीटगार्ड रामसेवक महंत

इन पर धोखाधड़ी, सरकारी नुकसान और पद का दुरुपयोग करने जैसे गंभीर आरोप हैं।

गारे-पेलमा सेक्टर-3 में कैसे हुआ खेल? : बजरमुड़ा, मिलूपारा, करवाही, खम्हरिया और ढोलनारा में कुल 449.166 हेक्टेयर भूमि की लीज स्वीकृत की गई, जिसमें से बजरमुड़ा के मात्र 170 हेक्टेयर भूमि पर ही 478.68 करोड़ रुपए का मुआवजा पारित हुआ। CSPGCL ने जब आपत्ति जताई, तो मामूली ब्याज में कटौती कर 415.69 करोड़ तय किया गया : यानी राहत के नाम पर खानापूर्ति।

EOW या CBI की मांग तेज :
राज्य सरकार ने 15 जून 2023 को घोटाले की जांच के आदेश दिए थे। IAS रमेश शर्मा, अपर कलेक्टर हिना अनिमेष नेताम और संयुक्त कलेक्टर उमाशंकर अग्रवाल की टीम ने दिसंबर 2023 और फरवरी 2024 में जांच की। जांच सिर्फ बजरमुड़ा तक सीमित रही, जबकि करवाही और ढोलनारा जैसे गांवों में मुआवजा घोटाले की परतें अभी बाकी हैं। जानकारों का कहना है कि भारतमाला परियोजना की तरह यह मामला भी सीधे *EOW या CBI को सौंपा जाना चाहिए।
क्या कहते हैं अफसर?

“बजरमुड़ा की जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन जिम्मेदार लोगों पर अपराध दर्ज करने के लिए एसडीएम घरघोड़ा को पत्र भेजा गया है।”- रवि राही, अपर कलेक्टर रायगढ़

यह घोटाला केवल भ्रष्टाचार नहीं, एक सुनियोजित लूट है – जिसे अब जनता, प्रशासन और न्याय व्यवस्था तीनों को बेनकाब करना होगा। रायगढ़ की ज़मीन में दफन ये फर्जीवाड़े अगर नहीं रोके गए, तो आने वाले हर विकास के नाम पर यही खेल दोहराया जाएगा।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

July 2025
S M T W T F S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *