ताजा खबर
‘गिरफ्तारी सर्वे’ पर सियासी तूफान! भूपेश बघेल के दावे को डिप्टी CM अरुण साव ने बताया बेबुनियाद, बोले– डरने की जरूरत नहीं 26 दिसंबर से महंगा होगा ट्रेन का सफर! लंबी दूरी वालों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर नारायणपुर कैंप में अचानक चली गोली! एक्सीडेंटल फायर से DRG जवान की मौत, ऑपरेशन से लौटते वक्त टूटा कहर शादी के 6 महीने बाद बुझ गया सुहाग का दीया! नवविवाहिता की संदिग्ध मौत, पति पर कीटनाशक पिलाने का सनसनीखेज आरोप सरेराह 9 वार… CCTV में कैद मौत का तांडव! चंगोराभाठा में युवक पर चाकूबाजी से हड़कंप पहाड़ियों में मौत का जाल! गरियाबंद में नक्सलियों का खतरनाक डंप मिला—फोर्स की बड़ी कार्रवाई से टली बड़ी तबाही

हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करते ही समिति ने किसान को सौंपा साढ़े तीन लाख का चेक

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

 

 

(जे के मिश्रा ) बिलासपुर लोरामी के किसानों की फसल भुगतान में देरी को लेकर उत्पन्न होने वाली समस्याओं का एक ताजा मामला सामने आया है, जिसमें एक किसान को 10 साल तक अपने धान की बिक्री का भुगतान प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। इस मामले में किसान को मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। हाईकोर्ट ने किसान के पक्ष में आदेश दिया, लेकिन समिति संचालक ने किसान को कई बार चक्कर लगवाने के बाद भी भुगतान नहीं किया। अंततः किसान को अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी, जिसके बाद सेवा सहकारी समिति, लोरमी ने किसान को साढ़े तीन लाख रुपए का चेक प्रदान किया। अब किसान को अपने भुगतान की उम्मीद जागी है।

हाईकोर्ट का निर्देश
मामले की सुनवाई के दौरान, समिति के अधिकारियों ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि किसान को निर्धारित राशि का चेक दे दिया गया है। हाईकोर्ट ने इसके बावजूद किसान को यह छूट दी कि अगर चेक से भुगतान में किसी भी प्रकार की समस्या आती है, तो वह फिर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकता है।

10 साल की लंबी कानूनी लड़ाई
इस पूरे घटनाक्रम के पीछे किसान तोपसिंह राठौर की लंबी कानूनी लड़ाई का जिक्र है। मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र के निवासी तोपसिंह ने 2014 में सेवा सहकारी समिति, लोरमी को 525 बोरा धान बेचा था। लेकिन, उन्हें कई वर्षों तक भुगतान के लिए लगातार दौड़ाया गया। 2019 में उप पंजीयक सहकारी समिति, मुंगेली ने जांच के बाद समिति को तत्काल भुगतान करने का आदेश दिया, लेकिन भुगतान नहीं किया गया। इसके बाद तोपसिंह ने वकील शाल्विक तिवारी की सहायता से हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

कोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने सेवा सहकारी समिति को 15 दिनों के भीतर बोनस सहित किसान का भुगतान करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर भुगतान में देरी होती है, तो किसान अवमानना याचिका दाखिल कर सकता है।

अवमानना याचिका दायर
किसान ने कोर्ट के आदेश के बावजूद भुगतान न होने पर अपने वकील के माध्यम से अवमानना याचिका दायर की। इस याचिका पर जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई, जहां समिति ने कोर्ट को सूचित किया कि किसान को 3 लाख 45 हजार 500 रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

समिति का पक्ष
सुनवाई के दौरान समिति ने कहा कि किसान को चेक के माध्यम से भुगतान कर दिया गया है। कोर्ट ने किसान को राहत प्रदान करते हुए कहा कि चेक से भुगतान करा लें और यदि चेक बाउंस होता है या अन्य किसी तरह की समस्या उत्पन्न होती है, तो किसान दोबारा याचिका दायर कर सकता है।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

December 2025
S M T W T F S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  

Leave a Comment