आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आठ सूत्रीय मांगों को लेकर किया चक्काजाम, जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

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महासमुंद। आज पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में संयुक्त मंच के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल की। इस हड़ताल के चलते जिले भर में आंगनबाड़ी केंद्रों के कार्य प्रभावित हुए। रैली की शक्ल में हजारों कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें मुख्य द्वार के सामने ही रोक दिया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने सड़क पर बैठकर चक्काजाम कर दिया, जिसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और ज्ञापन स्वीकार किया।

प्रदर्शन का उद्देश्य: लंबित मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करना

आज सुबह 10 बजे से महासमुंद के स्थानीय पटवारी कार्यालय के सामने हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं एकत्रित हुए। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान इतनी भीड़ इकट्ठा हो गई कि पटवारी कार्यालय के आसपास पैर रखने की जगह भी नहीं बची। दोपहर 3 बजे रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो वे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

धरना स्थल पर प्रमुख मांगें:

1. नियमितीकरण: पंचायतकर्मी, शिक्षाकर्मी, और अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।

2. जीने लायक वेतन: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 21,000/- रु. और सहायिका को 17,850/- रु. मासिक वेतन दिया जाए।

3. सेवानिवृत्ति लाभ: कार्यकर्ताओं को सेवा निवृत्ति के बाद 10,000/- रु. और सहायिकाओं को 8,000/- रु. मासिक पेंशन दी जाए, साथ ही एकमुश्त ग्रेज्युटी राशि 5 लाख रु. और 4 लाख रु. प्रदान की जाए।

4. समूह बीमा योजना: भविष्य की सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को समूह बीमा योजना में शामिल किया जाए।

5. अनुकम्पा नियुक्ति: आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए।

6. महंगाई भत्ता: मानदेय को महंगाई भत्ता के साथ जोड़ा जाए।

7. पदोन्नति: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए 50% पदोन्नति प्रतिबंध को समाप्त किया जाए और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की जाए।

8. गैस सिलेंडर और चूल्हा: सभी केंद्रों में गैस सिलेंडर और चूल्हे की सुविधा प्रदान की जाए।

प्रदर्शन में प्रमुख नेताओं की भागीदारी

आज के धरना प्रदर्शन में संरक्षक अशोक गिरी गोस्वामी, दिलीप तिवारी, मुकेश नामदेव, सुधा रात्रे, सुलेखा शर्मा, द्रौपदी साहू, रामेश्वरी धृतलहरे, अहिल्या मरकाम, अंजू प्रजापति, ललिता नंदे, सरिता बागड़े, अंजुला चौरसिया सहित हजारों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

आंदोलन का परिणाम

धरना स्थल से कलेक्ट्रेट पहुंचे हजारों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका, जिससे गुस्साए कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और ज्ञापन लिया, जिसके बाद यातायात बहाल हो सका।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।

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Author: Deepak Mittal

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