नई दिल्ली, 5 मई 2025
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की, जिसमें तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की स्थिति और रणनीति पर चर्चा की गई। इस बैठक में दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में पुलिस, जेल, अभियोजन, फॉरेंसिक और न्यायालय से जुड़े नए कानूनी प्रावधानों की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में लागू किए जा रहे नए आपराधिक कानूनों से न केवल कानून व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी, बल्कि पुलिस बल की जवाबदेही और कार्यकुशलता में भी बड़ा सुधार होगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से तय किया जाए ताकि कानूनों के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की अड़चन न आए। गृह मंत्री ने विशेष रूप से यह कहा कि आपराधिक मामलों में आरोपपत्र 60 से 90 दिनों के भीतर दाखिल किए जाएं और इसकी नियमित निगरानी की जाए।
इसके साथ ही उन्होंने जघन्य अपराधों में दोषसिद्धि दर में कम से कम 20 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित करने का सुझाव दिया।
ई-समन प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर देते हुए अमित शाह ने कहा कि ई-समन सीधे अदालत से जारी किए जाएं और उसकी एक प्रति संबंधित पुलिस थानों को भी भेजी जाए। उन्होंने अभियोजन निदेशालय में नियुक्तियों को तेज करने और अपील से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार भी निदेशालय को देने की आवश्यकता बताई।
बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, दिल्ली के मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त, BPR&D के महानिदेशक, NCRB के निदेशक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह बैठक राजधानी में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ और तकनीक-सक्षम बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
