सब्जी बेचकर पापा ने पढ़ाया, बेटी ने पास की CGPSC परीक्षा – बनी अफसर

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 सरगुजा की चंचल पैकरा ने ST वर्ग में हासिल किया प्रथम स्थान, परिवार में खुशी का माहौल

सरगुजा। मेहनत, संघर्ष और लगन अगर साथ हों तो सफलता निश्चित है—इसका उदाहरण बनी हैं सरगुजा जिले के सीतापुर विकासखंड के ग्राम काराबेल की चंचल पैकरा। सब्जी बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले रघुवर प्रसाद पैकरा और सुंतिला पैकरा की बेटी चंचल ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) परीक्षा में अनुसूचित जनजाति वर्ग में पहला स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। उनकी ओवरऑल रैंक 204 रही है।

चंचल पैकरा ने पहली बार ही पीएससी मेंस परीक्षा दी और शानदार सफलता हासिल की। उनके माता-पिता किसान हैं और सब्जी बेचकर परिवार चलाते हैं। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद चंचल ने पढ़ाई को कभी नहीं छोड़ा। उनकी प्राथमिक शिक्षा काराबेल के सरकारी प्राथमिक शाला में हुई। इसके बाद उनका चयन एकलव्य विद्यालय सन्ना जशपुर में हुआ, जहाँ उन्होंने दसवीं और बारहवीं दोनों में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करते हुए स्कूल टॉपर रहीं।

आगे चलकर चंचल ने जगदलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल ब्रांच में इंजीनियरिंग की। सिविल सेवा में जाने का सपना लेकर उन्होंने CGPSC की तैयारी शुरू की। पहली बार प्री परीक्षा में सफलता नहीं मिली, लेकिन हार न मानते हुए बिलासपुर में कोचिंग ली। इस बार उन्होंने प्री और मेंस दोनों निकालकर सीधे साक्षात्कार तक पहुंचीं और ST कैटेगरी में टॉप कर लिया।

चंचल वर्तमान में बिलासपुर में रहकर आगे की तैयारी कर रही थीं, तभी रिज़ल्ट आने के बाद परिवार और गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। चंचल की छोटी बहन अंबिकापुर कॉलेज में बीएससी सेकंड ईयर की छात्रा है, वहीं छोटा भाई हेमंत पैकरा एकलव्य विद्यालय घंघरी में 11वीं कक्षा में पढ़ रहा है।

परिवार की मेहनत और चंचल की लगन ने साबित कर दिया कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी हों, सपनों की उड़ान कोई नहीं रोक सकता।

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Author: Deepak Mittal

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