शहीद जवानों का बलिदान हमें कर्तव्य, अनुशासन और समर्पण की सतत प्रेरणा देता रहेगा : राज्यपाल रमेन डेका
राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि — कहा, नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन और शांति स्थापना की दिशा में राज्य दृढ़ संकल्पित
रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज चौथी वाहिनी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, माना रायपुर के प्रांगण में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के परेड कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर दोनों ने प्रदेशवासियों की ओर से पुलिस के शहीद वीर जवानों को नमन किया तथा शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस अधिकारियों एवं जवानों के परिजनों से भेंटकर अपनी संवेदना व्यक्त की और उन्हें शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए।
राज्यपाल रमेन डेका ने इस अवसर पर कहा कि पुलिस जवानों के अदम्य साहस, पराक्रम और त्याग को देश सदैव नमन करता रहेगा। उन्होंने कहा कि चौबीसों घंटे तत्पर रहकर पुलिस जिस निष्ठा और अनुशासन के साथ सेवा दे रही है, उसी के कारण आज राज्य में शांति, सुरक्षा और विश्वास का वातावरण संभव हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि पुलिस का दायित्व अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है—कानून-व्यवस्था बनाए रखना जहां उनकी जिम्मेदारी है, वहीं नागरिकों को भयमुक्त वातावरण प्रदान करना भी उनका कर्तव्य है। उन्होंने आम जनता से पुलिस के प्रति सहयोग और मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए राज्यपाल डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने दृढ़ संकल्प और साहस के साथ नक्सलवाद की चुनौती का सामना किया है। इसके परिणामस्वरूप आज इन क्षेत्रों में शांति और विश्वास का वातावरण सशक्त हुआ है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में राज्य पूर्णतः नक्सल समस्या से मुक्त होगा।
राज्यपाल ने शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “शहीद जवानों का बलिदान हमें कर्तव्य, अनुशासन और समर्पण की सतत प्रेरणा देता रहेगा।”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि 21 अक्टूबर वह दिन है जब हम देश की सुरक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस बल के जवानों को स्मरण करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल कठिन परिस्थितियों में भी समाज की रक्षा हेतु सदैव तत्पर रहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस जवानों की निष्ठा और अनुशासन से ही राज्य में शांति, सुरक्षा और विश्वास का वातावरण निर्मित हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह दिवस वीर जवानों के पराक्रम और उनके परिजनों के त्याग को नमन करने का अवसर है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध सुरक्षा बलों ने अद्वितीय साहस दिखाया है और अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों की गति तेज़ी से बढ़ रही है।
उन्होंने नियद नेल्ला नार, पीएम जनमन और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सुदूर अंचलों के गांवों की तस्वीर तेजी से बदल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नक्सलवाद के उन्मूलन की लड़ाई निर्णायक चरण में है तथा राज्य सरकार मार्च 2026 तक इसके पूर्ण उन्मूलन के संकल्प के साथ दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने अमर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उनका बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा और हमें कर्तव्य, अनुशासन एवं समर्पण की निरंतर प्रेरणा देता रहेगा।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे जवान अदम्य साहस और वीरता के साथ बस्तर में नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में निरंतर संघर्षरत हैं। उन्होंने कहा कि जवान केवल नक्सलवाद से मुकाबला ही नहीं कर रहे, बल्कि बस्तर में विकास कार्यों को भी गति दे रहे हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार शहीद वीर जवानों की स्मृति को सहेजने और उनके परिवारों की सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि स्मारिका के माध्यम से शहीद जवानों के बलिदान को चिरस्थायी बनाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, आईजी एवं एसपी कार्यालयों में शहीद परिवारों की सहायता के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
अंत में उप मुख्यमंत्री शर्मा ने पुलिस जवानों की वीरता को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

Author: Deepak Mittal
