भारत के सबसे बड़े ग्रुप टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी TATA Sons ने अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया दुर्घटना के पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने के लिए एक ट्रस्ट बनाया है, जिसके लिए बोर्ड से मंजूरी मांगी है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने गुरुवार को अंतरिम बोर्ड मीटिंग में ट्रस्ट के बारे में बोर्ड को जानकारी दी है.
रिपोर्ट का दावा है कि टाटा संस ने ट्रस्ट के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन की मंजूरी मांगी गई है. TATA ग्रुप की होल्डिंग कंपनी ने पहले दो अलग-अलग ट्रस्ट बनाने पर विचार किया था. एक भारतीय नागरिकों के परिवारों के लिए और दूसरा लंदन जाने वाली फ्लाइट्स की दुर्घटना में मारे गए विदेशी नागरिकों के लिए.
कहां खर्च किए जाएंगे 500 करोड़
500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल विमान क्रैश में जान गंवाने वालों के परिवारों को मुआवजा देने, चिकित्सा देखभाल और विमान क्रैश में नुकसान हुए मेडिकल कॉलेज को सुधारने में किया जाएगा. बाकी अमाउंट को प्रभावित परिवारों की लॉन्गटर्म जरूरतों को पूरा करने के लिए यूज किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रस्ट के जल्द रजिस्टर्ड होने की उम्मीद है.
इस ट्रस्ट में बाहर के लोग भी होंगे शामिल
इस पहल का नेतृत्व टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पीबी बालाजी कर रहे हैं, जिन्हें विनियामक, वित्तीय और कॉर्पोरेट प्रशासन मामलों को लेकर ज्यादा अनुभव है. इसके अलावा, इस ट्रस्ट में और मजबूती लाने के लिए टाटा ग्रुप के बाहर के लोग भी शामिल किए जाएंगे. टाटा ट्रस्ट की ओर से भी इसमें योगदान दिए जाने की संभावना है. बोर्ड बैठक में टाटा ट्रस्ट के नामित नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह शामिल थे.
275 लोगों की गई थी जान
गौरतलब है कि अहमदाबाद में एअर इंडिया का विमान 12 जून को क्रैश हो गया था, जिसमें 275 लोगों की जान चली गई थी. इस विमान में 242 लोगों में से 241 लोगों की जान गई थी. इसमें से सिर्फ एक व्यक्ति विश्वास रमेश ही जीवित बचे थे. वहीं मेडिकल कॉलेज पर विमान गिरने से आसपास के लोगों की भी जान गई थी. इस हादसे के बाद एअर इंडिया ने मुआवजे का ऐलान किया था. साथ ही बोइंग 878 की जांच भी शुरू हुई.
