जे के मिश्र
जिला ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7in बिलासपुर
बिलासपुर। शहर से सटे ग्राम पंचायत ढेका में बड़ी वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि पंचायत सचिव की डिजिटल आईडी, मोबाइल नंबर और ईमेल को गुपचुप तरीके से बदलकर पंचायत के फंड से करीब 70 लाख रुपये की हेराफेरी कर दी गई। इस मामले में पूर्व सरपंच दिनेश कुमार मौर्य पर गंभीर आरोप लगे हैं।
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल में पंचायत सचिव की लॉगिन जानकारी में छेड़छाड़ कर आठ महीनों के भीतर कई निर्माण कार्यों और भुगतान प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी सचिव को तब मिली जब नई पंचायत के गठन के बाद उन्हें दस्तावेज सौंपे गए।
सचिव ने की उच्चाधिकारियों से शिकायत, दस्तावेज और बिल देने से इनकार
पंचायत सचिव श्री सचिन कौशिक ने कलेक्टर कार्यालय और जनपद पंचायत बिल्हा के सीईओ से मामले की विधिवत शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पूर्व सरपंच के करीबी माने जाने वाले भानु विश्वकर्मा, जो कि ग्राम पंचायत धुमा में सचिव हैं, की फर्म ‘विश्वकर्मा ट्रेडर्स’ से लाखों की खरीदी दर्शाकर फर्जी भुगतान किए गए।
बताया जा रहा है कि पंचायत निधि से करीब 28 लाख 70 हजार रुपये पूर्व सरपंच द्वारा खर्च कर दिए गए। जब सचिव ने इस व्यय से जुड़े बिल और वाउचर मांगे, तो उन्हें स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया गया।
बिना दस्तखत के बैंक से निकाले गए लाखों, जांच की प्रक्रिया शुरू
मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब यह सामने आया कि पंचायत के IDBI और एक्सिस बैंक खातों से 16 लाख 17 हजार 738 रुपये बिना सचिव के हस्ताक्षर के निकाले गए। इस पर जनपद पंचायत बिल्हा के सीईओ श्री एस.एस. पोयाम ने जांच समिति गठित कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होती है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन अब पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक दस्तावेजों की छानबीन कर रहा है।
