रायपुर
छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की गई है। राज्य सरकार द्वारा 10 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को ₹596 करोड़ की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
राज्य की 902 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से 10,631 फड़ों में यह संग्रहण कार्य जारी है। हालांकि इस बार असमय बारिश, तूफान और ओलावृष्टि से फसल को नुकसान हुआ, फिर भी संग्राहकों की मेहनत और सरकार की तत्परता से यह नुकसान काफी हद तक सँभाल लिया गया।
💬 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे “आदिवासी परिवारों की आजीविका का मजबूत आधार” बताया। उन्होंने कहा:
“तेन्दूपत्ता केवल वनोपज नहीं, आदिवासी समुदाय की मेहनत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि संग्राहकों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से मिले।”
उन्होंने जानकारी दी कि तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर को ₹4,000 से बढ़ाकर ₹5,500 प्रति मानक बोरा कर दिया गया है, जिससे संग्राहकों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
📈 आर्थिक सशक्तिकरण की ओर कदम
अब तक 10.84 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदा जा चुका है, जिसकी कुल कीमत ₹596 करोड़ आंकी गई है। इस राशि को संग्राहकों के खातों में भेजने के लिए सॉफ़्टवेयर डाटा प्रविष्टि का कार्य शुरू हो चुका है।
इस योजना से आदिवासी परिवारों को शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन-स्तर सुधारने में सहायता मिल रही है। साथ ही, पत्तों का उपचार, बोरा भराई और गोदामों में परिवहन का कार्य भी तेज़ी से जारी है।
राज्य सरकार को विश्वास है कि निर्धारित संग्रहण लक्ष्य शीघ्र ही प्राप्त कर लिया जाएगा।

Author: Deepak Mittal
