रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित “वृहद महतारी वंदन सम्मेलन” में शामिल हुए और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की महिलाओं को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ में महिलाएँ सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महिलाओं के बिना कोई भी समाज और राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता। भारत में मातृशक्ति की पूजा की परंपरा सदियों पुरानी है, और छत्तीसगढ़ सरकार इस परंपरा को और सशक्त कर रही है।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महतारी वंदन योजना के तहत पिछले 13 महीनों से प्रति माह ₹1,000 की राशि सीधे महिलाओं के बैंक खातों में अंतरित कर रही है। अब तक 70 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में ₹8,488 करोड़ से अधिक की राशि अंतरित की जा चुकी है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए भी सरकार ने एक नई पहल की है, जिसके तहत अब उनका मानदेय सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होगी।
चार नए पोर्टल और डिजिटल पहल की लॉन्चिंग
महिला सुरक्षा और कल्याण को और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने चार नए पोर्टल लॉन्च किए:
1. महिला उत्पीड़न शिकायत पोर्टल – संकटग्रस्त महिलाएँ अब ऑनलाइन और मोबाइल ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकेंगी।
2. बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान पोर्टल – बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता और शिकायत दर्ज करने के लिए यह पोर्टल विकसित किया गया है।
3. इंफ्रा पोर्टल – महिला उद्यमिता और बुनियादी ढांचे से जुड़े कार्यों के लिए।
4. स्थापना पोर्टल – महिला कल्याण और सशक्तिकरण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिलाओं को अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
महिला स्व-सहायता समूहों के लिए नए अवसर
महिला मड़ई में लगे स्टॉल्स के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 15 से 20 लाख रुपये से अधिक की खरीद-बिक्री हो चुकी है, जो महिला उद्यमिता को दर्शाता है।
उन्होंने घोषणा की कि नवा रायपुर में ₹200 करोड़ की लागत से “यूनिटी मॉल” बनाया जाएगा, जहाँ महिला स्व-सहायता समूहों को अपने उत्पादों की बिक्री के लिए पर्याप्त अवसर मिलेंगे।
सखी वन स्टॉप सेंटर की एसओपी – छत्तीसगढ़ बना पहला राज्य
महिला सुरक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री साय ने सखी वन स्टॉप सेंटर की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का विमोचन किया। छत्तीसगढ़ यह प्रक्रिया निर्धारित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सखी वन स्टॉप सेंटर संकटग्रस्त महिलाओं को तत्काल सहायता, परामर्श और कानूनी सहायता प्रदान करता है। अब इस सेंटर के व्यवस्थित संचालन के लिए एक मानक प्रक्रिया बनाई गई है, जिससे इसकी प्रभावशीलता और बढ़ेगी।
महिला सशक्तिकरण के लिए बजट में विशेष प्रावधान
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महिला सशक्तिकरण को केवल एक नारा नहीं, बल्कि अपनी नीति और संकल्प का अभिन्न हिस्सा मानती है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के राज्य बजट में महिलाओं और समाज कल्याण से जुड़ी कई योजनाओं को सशक्त किया गया है।
महिलाओं के लिए आरक्षण और नए अवसर
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से लाखों महिलाओं को लाभ मिल रहा है। पंचायतों में महिलाओं को पहले से ही 50% आरक्षण प्राप्त है, और अब विधानसभा तथा लोकसभा में भी 33% आरक्षण का लाभ जल्द ही महिलाओं को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि आज महिलाएँ राजनीति, फाइटर प्लेन उड़ाने और रेल संचालन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
अजेय नारी – आराध्य नारी थीम पर हुआ महिला मड़ई का आयोजन
चार दिवसीय महिला मड़ई का आयोजन “अजेय नारी – आराध्य नारी” थीम पर किया गया। इसमें राज्य के 33 जिलों से आए 87 महिला स्व-सहायता समूहों ने अपने हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी और विक्रय किया।
इस अवसर पर रायपुर पश्चिम विधायक श्री राजेश मूणत, विधायक श्रीमती गोमती साय, विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, बाल संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती पुष्पा पाटले, संभाग आयुक्त श्री महादेव कावरे, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, संचालक श्री जन्मजेय महोबे, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह और आयुक्त नगर निगम श्री विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और महिलाएँ उपस्थित रहीं।
